Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

मनमीत बनल केहु ना

आनंद कुमार पांडेय
बलिया (उत्तर प्रदेश)
********************

मनमीत बनल केहु ना,
अब हीत बनल केहु ना।
सूर के हमरा सजावेला,
संगीत बनल केहु ना।

सब कोस रहल बा हमके।
छवलस बदरिया गम के।।
हम कोसी ए दुनिया के।
या खुद अपना हीं करम के।।
बा खेल इ बदलल हमरो।
अब जीत बनल केहु ना।।
मनमीत बनल केहु ना।
अब हीत बनल केहु ना।।

किस्मत के लड़ाई बा।
लगले हीं खाई बा।।
अब साथ छोड़त हमरो।
अपने परछाई बा।।
मझधार में जीवन नइया बा।
रण प्रीत बनल केहु ना।।
मनमीत बनल केहु ना।
अब हीत बनल केहु ना।।

लिखनी बहुतेरे कहानी।
आफत में खुद हम बानी।।
एह गैर के महफिल में।
अब के हमके पहचानी।।
अनुमान गलत नईखे।
जनगीत बनल केहु ना।।
मनमीत बनल केहु ना।
अब हीत बनल केहु ना।।

जज्बा बा जीत हीं जाईब।
खुद से हीं किरिया खाइब।।
आनंद ए कठिन डगर में।
हमहुॅ किरदार निभाइब।।
बनके देखलाइब हम अब।
दुनिया के एक नमूना।।
मनमीत बनल केहु ना।
अब हीत बनल केहु ना।।

परिचय :- आनंद कुमार पांडेय
पिता : स्व. वशिष्ठ मुनि पांडेय
माता : श्रीमती राजकिशोरी देवी
जन्मतिथि : ३०/१०/१९९४
निवासी : जनपद- बलिया (उत्तर प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें...🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *