Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

मन की सोच बदलो

काजल कुमारी
आसनसोल (पश्चिम बंगाल)

********************

ये अच्छा है
ये खराब है,
ये ऐसा क्यों है?
ये वैसा क्यों है?
ये क्या हो रहा है?
ऐसा होना चाहिए
ऐसा नहीं होना चाहिए,
इसे ऐसा करना चाहिए
इसे ऐसा नहीं करना चाहिए,
मुझे कोई समझता नहीं,
कैसा समय आ गया ?
जो बातें रह गई दबी मन में,
मन को व्याकुल कर सदा
वो तनाव पैदा करती है।
लोग शायद बदल गए हैं,
परस्थिति सही नहीं है,
स्थिति बिगड़ रही है,
सारी जिंदगी इंसान
इन्हीं सवालों के,
जवाब ढूंढने की कोशिश में
उलझा रहता है।
खुशी की चाह में
हमेशा दुःखी रहता है,

अगर सच में
खुशी चाहते हो तो,
परस्थिति बदलने की
बजाय अपनी
मन की स्थिति बदलो ।।
बस दुःख सुख में बदल जाएगा।
सुख दुख आख़िर दोनों
हमारे अपने मन की ही
तो समीकरण है।
बस आपका दृष्टिकोण
सकारात्मक होना चाहिए।।

परिचय :- काजल कुमारी
निवासी : आसनसोल (पश्चिम बंगाल)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…..🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *