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हिम जैसे अटल

आशा जाकड़
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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अटलजी सचमुच थे तुम हिम जैसे अटल।
भारतमाँ के सच्चे सपूत थे अद्भुत विरल।।

शरीर दिव्य हो गया आवाज मौन हो गई,
अटलजी की आत्मा आज अमर हो गई।
बात कहते थे सटीक शांत मन निर्मल,
अटलजी सचमुच थे तुम हिम जैसे अटल।

मौन है आज आस्मां मौन है सारी जमीं,
मौन है शीतल पवन मोहन है मां भारती।
देश- प्रेम अलख जगाई थे हृदय निश्छल,
अटलजी सचमुच थे तुम हम जैसे अटल।

शब्दों का भंडार, भावनाओं का ज्वार थे
कुशल राजनीतिज्ञ, भाषण धुआंधार थे।
आरोप-प्रत्यारोप से विरोधी हो जाते तरल,
अटलजी सचमुच थे तुम हिम जैसे अटल।

समुद्र सम गंभीर थे, स्पष्टवादी धीर थे,
प्रेम-शांति के मसीहा, सच्चे कर्मवीर थे।
सत्यनिष्ठ, स्वाभिमानी, थे मन के सरल,
अटलजी सचमुच थे तुम हिम जैसे अटल।

जीवन-युद्ध विजेता कष्टों में भी हंसते,
बाधाओं को परे हटा राह स्वयं चुनते।
थे संघर्षरत सदा कभी न हुए अविचल,
अटलजी सचमुच थे तुम हिम जैसे अटल।

कवि, पत्रकार, बहुमुखी प्रतिभा के धनी,
अजातशत्रु, संवेदनशील और महाज्ञानी।
औरों को पिलाया अमृत खुद पिया गरल।
अटलजी सचमुच थे तुम हिम जैसे अटल।

देते श्रद्धांजलि अश्रुपूरित हमारे मूकनयन
देश रहेगा ऋणी करेगा सदा आपका वंदन
शत-शत करते नमन हे भारत रत्न अटल।
अटल जी सचमुच थे तुम हिम जैसे अटल।।

परिचय :- आशा जाकड़ (शिक्षिका, साहित्यकार एवं समाजसेविका)
शिक्षा – एम.ए. हिन्दी समाज शास्त्र बी.एड.
जन्म स्थान – शिकोहाबाद (आगरा)
निवासी – इंदौर (मध्य प्रदेश)
व्यवसाय – सेन्ट पाल हा. सेकेंडरी स्कूल इन्दौर से सेवानिवृत्त शिक्षिका)
प्रकाशन कृतियां – तीन काव्य संग्रह – राष्ट्र को नमन, नये पंखों की उड़ान, हमारा कश्मीर)
कहानी संग्रह – (अनुत्तरित प्रश्न), एक निबंध पुस्तक सिंहस्थ महोत्सव २०१६
उपलब्धियाँ – काव्य गोष्ठियों में नियमित पाठ, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) सहित लगभग ५० पुस्तकों मे कहानी कविताओं व समीक्षाओं का प्रकाशन। आकाशवाणी व दूरदर्शन पर काव्य पाठ।
सम्मान – सरल अलंकरण (इन्दौर), महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान(शिलांग), मानद उपाधि राष्ट्रभाषा गौरव सम्मान (इलाहाबाद) नारी अस्मिता सम्मान, महादेवी वर्मा सम्मान मैं हूँ बेटी सम्मान (लखनऊ), मगसम प्रतिभा स्वर्ण सम्मान (दिल्ली) अन्तरा शब्द शक्ति सम्मान, महारानी लक्ष्मीबाई मैमोरियल सम्मान, काव्य रंगोली मातृत्व सम्मान, कल्पना चावला स्मृति सम्मान, विश्व शांति सम्मान आदि।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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