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ये सड़क चलती है

ये सड़क चलती है

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रचयिता : ईन्द्रजीत कुमार यादव

ये सड़क चलती है

मैं तो खड़ा हूँ आज भी उसी रास्ते,
जहाँ तेरी खुशबू आज तक मेहकती है,
इन फासलों का जिम्मेवार कौन है तू बता दे,
मैं कहाँ चलता हुँ कम्बख्त ये सड़क चलती है।

शून्य सी जन्दगी ऐसे ही अनन्त तक सफर करती है,
दो निवाले की ख़ातिर ये रातें अब कहाँ सोती है,
इन पत्थड़ों के चोटों से ये अंगारे भी रो जाते हैं,
मैं कहाँ सोता हुँ ये शहर ही सो जाता है।

अपने नाकामियों से लड़ता हुँ, मैं अपने गुमनामियों
से डरता हुँ, उजाले की खोज में ईन अंधेरो से लड़ता हुँ,
अपने साये के साथ चलता हुँ तब ये शाम ढ़ल जाती है,
मैं कहाँ खोता हुँ, बस मेरी परछाई खो जाती है।

 

लेखक परिचय :- 
नाम : ईन्द्रजीत कुमार यादव
निवासी : ग्राम – आदिलपुर जिला – पटना, (बिहार)

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