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गरज तो है

रचयिता : संजय वर्मा “दॄष्टि”

 

गरज तो है 
वृक्षो के आसरे की 
सौतन गर्मी

धरती माँगे 
बादलों से उधार 
अमृत पानी

नदी के पत्थर 
तन ढाँकते जल
पड़ा हो सूखा

बहाती नदी 
प्रदूषण को जब 
पड़ा हो झोली

क्रोधित नदी 
ना सहन करती
दूषित जल

वेग के शस्त्र 
बाढ़ के आगोश में 
लाशों के ढ़ेर

 

परिचय :- नाम :- संजय वर्मा “दॄष्टि” पिता :- श्री शांतीलालजी वर्मा
जन्म तिथि :- २ – मई -१९६२ (उज्जैन )
शिक्षा :- आय टी आय
व्यवसाय :- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग )
प्रकाशन :- देश – विदेश की विभिन्न पत्र – पत्रिकाओं में रचनाएँ व समाचार पत्रों में निरंतर पत्र और रचनाओं का प्रकाशन, प्रकाशित काव्य कृति “दरवाजे पर दस्तक “, खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के ६५ रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान – २०१५ , अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित
संस्थाओं से सम्बद्धता :- शब्दप्रवाह उज्जैन, यशधारा – धार, मगसम दिल्ली,
काव्य पाठ :- काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ, शगुन काव्य मंच

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