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शरणागति

प्रेम नारायण मेहरोत्रा
जानकीपुरम (लखनऊ)
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शरणागत हो जा हनुमत की ,
संकल्प पूर्ण हो जाएंगे।
यदि थकने लग गया मध्य तू,
वो शक्ति देने आएंगे।
शरणागत हो जा………
हैं राम कथा के रसिक बड़े,
हर कथा उपस्थित रहते हैं।
सत्कार्यों का संकल्प उठा,
निज भक्तों से वो कहते हैं।
शिशु रूप शरण जा हनुमत की,
वो माँ बनके दुलरायेंगे।
शरणागत हो जा……..
बुद्धि शक्ति के दाता हैं
वो शक्ति तेरी बढ़ा देंगे।
तेरे विवेक को जाग्रत कर,
तुझे राम शरण पहुंचा देंगे।
दो अश्रु बहे यदि हनुमत मित,
वो स्वयं पोछने आएंगे।
शरणागत हो जा ……..
तू भाई, सखा, स्वामी माने,
वो सब बनने को राजी है।
रिश्ता पक्का हो गया अगर,
तो जीत ली तूने बाजी है।
करुणा के सागर है हनुमत,
वो करुणा ही बरसायेंगे।
शरणागत हो जा……..

परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा
निवास : जानकीपुरम (लखनऊ)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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