Saturday, November 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

दीपावली की रंगोली

अंजनी कुमार चतुर्वेदी
निवाड़ी (मध्य प्रदेश)
********************

मन के भाव कला बनकर जब,
रंगोली बन जाते।
रंगोली के विविध रंग तब,
सबके मन को भाते।

रंगोली की कला निखरती,
कलाकार के कर से।
रंगोली की छटा देख कर,
जन-जन का मन हरसे।

कई रंग से मिलकर बनता,
इसका रूप निराला।
सारे कौशल दिखलाता है,
इसे बनाने वाला।

अलग-अलग हैं भाव सभी के,
अलग-अलग है बोली।
अपने भावों को रँग देकर,
बनती है रंगोली।

कइ प्रकार बनती रंगोली,
अलग अलग दिखती है,
कोमलांगी अपने कर से,
मनोभाव लिखती है।

दीपोत्सव है पर्व अनोखा,
मिलकर सभी मनाते।
रंग बिरंगे दीप सजाकर,
मोहक कला बनाते।

सधे हुए हाथों से जब भी,
रंगोली बनती है।
हर कोने पर दिया सजाकर,
दीवाली मनती है।

दीप मालिका सजा, सजा कर,
रोशन करते घर को।
शांति संदेशा रंगोली का,
गाँवों और शहर को।

कइ वृक्षों के फूल बिखर कर,
रंगोली बन जाती।
अंबर में जो बने रँगोली,
इंद्रधनुष कहलाती।

रंगोली से रंग सजाकर,
जीवन को महकायें।
सतरंगी रँग मन को अपने,
चिड़ियों सा चहकायें।

रंग भरें सबके जीवन में,
खुशहाली फैलायें।
हर सैनिक के नाम हम सभी,
दीपक एक जलायें।

अमन चैन की दुआ करें हम,
चारों ओर अमन हो।
ऐसी बने रंगोली सुंदर,
जैसे कोई चमन हो।

परिचय :अंजनी कुमार चतुर्वेदी
निवासी : निवाड़ी (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : एम.एस.सी एम.एड स्वर्ण पदक प्राप्त
सम्प्रति : वरिष्ठ व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक २ निवाड़ी
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *