Saturday, September 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

नारी का महत्व

धर्मेन्द्र कुमार श्रवण साहू
बालोद (छत्तीसगढ़)
********************

जब मैंने जनम लिया,
वहां एक *नारी* थी।
जिसने मुझे थाम लिया,
वो *जननी महतारी* थी।।

जैसे-जैसे मैं बढ़ा हुआ,
वहां भी एक *नारी* थी।
खेली कूदी और मदद की,
वो मेरी *बहन* प्यारी थी।।

बड़ा हो करके शाला गया,
वहां भी एक *नारी* थी।
पढ़ाई लिखाई खूब करायी,
*शिक्षिका* भविष्य सॅंवारी थी।।

जब भी मैं निराश हुआ,
वहां भी एक *नारी* थी।
जीवन से मैं कभी ना हारा,
*महिला मित्र* न्यारी थी।।

प्रेम की आवश्यकता पड़ी,
वहां भी एक *नारी* थी।
हमेशा जीवन साथी रही,
*धर्म पत्नी* परम प्यारी थी।।

जब भी गोद में हलचल हुई,
वहां भी एक *नारी* थी।
मेरे व्यवहार को नरम किया,
वो मेरी *बेटी* दुलारी थी।।

नौ दिन में नौ रुप उजियारे,
वहां भी एक *नारी* थी।
नौ रात्रि में नौ स्वरुप सॅंवारे,
*दुर्गा* शेर पे सवारी थी।।

जीवन की कला सबने गढ़ी,
वहां भी एक *नारी* थी।
पैनी लेखनी से दुनिया सॅंवारी,
सर्वगुण संपन्न *महतारी* थी।।

हम दुनिया से चले जाएंगे,
वहां भी एक *नारी* होगी।
अपनी गोद में हमें समा लेगी,
*धरती मैय्या* प्यारी होगी।

आओ नारी का सम्मान करें,
कतई नारी का अपमान नहीं।
अब सोये हुए जन जाग जाओ,
धरम करम का वरदान यही।।

परिचय :- धर्मेन्द्र कुमार श्रवण साहू
निवासी : भानपुरी, वि.खं. – गुरूर, पोस्ट- धनेली, जिला- बालोद छत्तीसगढ़
कार्यक्षेत्र : शिक्षक
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *