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गुरुओं का आभार

इंद्रजीत सिहाग गोरखाना
नोहर (राजस्थान)
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गुरु क्या होते हैं सबको
आज बताने आया हूं,
मैं सभी गुरुओं का
आभार जताने आया हूं।

अगर गुरु वशिष्ठ ना होते तो
शायद राम श्री राम ना होते,
अगर गुरु सन्दीपन ना होते तो
शायद कृष्ण घनश्याम ना होते।

गुरु द्रोणाचार्य बिन कोई
कैसे अर्जुन बन सकता है,
गुरु रमाकांत आचरेकर बिन
कोई कैसे सचीन बन सकता है।

गुरु नरहरिदास बिन कोई कैसे
सगुण का पाठ पढ़ा सकता,
गुरु रामानन्द बिन कोई कैसे
निर्गुण का पाठ पढ़ा सकता है।

गुरु गोखले ने गांधी जैसा
उज्ज्वल भविष्य दिया,
गुरु रामावतार, बलवंत ने
आपको नादान बालक दिया।।

गुरु क्या होते हैं सबको
आज बताने आया हूं,
मैं सभी गुरुओं का
आभार जताने आया हूं।

परिचय :-  इंद्रजीत सिहाग गोरखाना
निवासी : नोहर (राजस्थान)
सम्प्रति : शिक्षक
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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