Sunday, November 10राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

जब-जब मेरी कलम ने…

प्रभात कुमार “प्रभात”
हापुड़ (उत्तर प्रदेश)

********************

जब-जब मेरी कलम ने
दर्द ए इंसानियत लिखा
हैवानियत छटपटाने लगी
दरिंदगी का दम घुटने लगा।
ईर्ष्या स्वयं से जलने लगी
नफरतों का नाश होने लगा।
जब-जब मेरी कलम ने
दर्द ए इंसानियत लिखा
रुढियाँ रोने लगी
घृणा स्वयं से घृणित होने लगी
पाखंड पांव पीटने लगा।
जब-जब मेरी कलम ने
दर्द ए इंसानियत लिखा
रूहें सिसकियाँ भरने लगीं
आंसुओं की बारिश होने लगी
हर पत्थरदिल पिघलने लगा
जब-जब मेरी कलम ने
दर्द ए इंसानियत लिखा
वैमनस्य की कालिमा छंँटने लगी
मानो गंदगियाँ दिलों की धुलने लगी
अंधकार अमावस्या की रात्रि का लुप्त होने लगा
नभ-जल-थल में सूर्य का
प्रकाश प्रकाशित होने लगा
हर हृदय पटल पर
प्रेम और विश्वास का आह्लाद होने लगा।
जब-जब मैंने
दर्द ए इंसानियत लिखा।

परिचय :-  प्रभात कुमार “प्रभात”
निवासी : हापुड़, (उत्तर प्रदेश) भारत
शिक्षा : एम.काम., एम.ए. राजनीति शास्त्र बी.एड.
सम्प्रति : वाणिज्य प्रवक्ता टैगोर शिक्षा सदन इंटर कालेज हापुड़
विशेष रुचि : कविता, गीत व लघुकथा (सृजन) लेखन, समय-समय पर समाचारपत्र एवं पत्रिकाओं में रचनाओं का निरंतर प्रकाशन।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *