Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

गणेश स्तवन

अनुराधा प्रियदर्शिनी
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)

********************

जय जय जय गणपति महाराजा
मंगल भरण गणपति शुभ काजा

विद्या बुद्धि सबको देते हैं गणेशा
अंधकार उर का हर लेते महराजा

गौरीसुत शिवनंदन गणपति देवा
प्रथमपुज्य देवों में गणनायक देवा

ऋद्धि सिद्धि के स्वामी हैं गणेशा
मंगल मूरत शुभ फलदायक देवा

पीताम्बर ओढ़े चार-भुजा धारी
मनमोहनी सूरत भक्तन सुखकारी

मोदक भोग गणेशा अति भायी
मूषक वाहन की करते हैं सवारी

जो भी द्वार पे तिहारे आ जाता
खाली कभीं भी नहीं वो जाता

विध्न-विनाशक गणनायक देवा
मनवांछित फल के तुम हो दाता

तेरे दर आकर मैं पुकार लगाऊँ
विपदा सुना कर अरज लगाऊँ

विध्न हरो हे गणेशा मैं पुकारूँ
श्रद्धा पुष्प अर्पित कर मैं जाऊँ

परिचय :- अनुराधा प्रियदर्शिनी
निवासी : प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *