Sunday, November 24राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

हड़ताल

परमानंद सिवना “परमा”
बलौद (
छत्तीसगढ)
********************

छत्तीसगढ़ी कविता

रही-रही के हड़ताल करें,
लइका के भविष्य ला खराब करे,
अब तो हड़ताल कराईय खेलवना होगे,
लइका के जिनगी नदिया बइला होगेहे.!

अपन लइका ला प्रावेट स्कूल मा पढ़ाथे,
नौकरी सरकारी मा लगाते,
गरीब के लइका सरकारी स्कूल मा
पढ़ें जिहा शिक्षक हड़ताल करें.!

हड़ताल करना कोई गुनाह नो हरे
अपन हक बर लडे के एक तरीका हरे,
लेकिन जरुरत ले ज्यादा हड़ताल
लइका के जीवन ला बेकार करें.!

जतना तुहर एक महीना के वेतन हे,
उतका तो किसान के कमाई नई हे.!
तिहा ले किसान उतना
मा ही जीवन यापन करे.!

वहीं हड़ताल सैनिक करही ता
दुश्मन देश मा घुस जही,
विघार्थी ला सही राह देखातेव तुमन तो
हड़ताल ले फुर्सत नई मिलत हे.!!

परिचय :- परमानंद सिवना “परमा”
निवासी : मडियाकट्टा डौन्डी लोहारा जिला- बालोद (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें….🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *