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दिल्ली की औरतें

डॉ. जयलक्ष्मी विनायक
भोपाल (मध्य प्रदेश)

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ये दिल्ली की औरतें
कुछ मीठी और नमक
सैंडिल ऊंची पहनती
लगती है जैसे क्वीन।
ये दिल्ली की औरतें
कुछ मीठी कुछ नमकीन।

पार्लर अक्सर जाती
कारें रफ्तार से दौड़ाती
तेज तर्राट और गर्म मिजाज़
तबीयत है इनकी रंगीन
ये दिल्ली की औरतें
कुछ मीठी और नमकीन।

नौकरी बड़ी ऊंची करती
पैसे खूब कमाती,
भारत की नारियों में अग्रगणी
ये किसी से कम नहीं।
ये दिल्ली की औरतें
कुछ मीठी कुछ नमकीन।

शापिंग करने में सबसे आगे
पैसे बचाने में गंभीर
वाकपटुता में सबसे आगे
वैभवी और महाजबीन,
ये दिल्ली की औरतें
कुछ मीठी कुछ नमकीन।

दिल्ली की ठंडी-गर्मी सहती
पर अपनी त्वचा को
बकायदा संवारती,
स्कूल टीचर से लेकर
बिजनेस टायकून तक
सब पर अपनी धाक जमाती।
ये दिल्ली की औरतें
कुछ मीठी कुछ नमकीन।

जूते की नोक पर
सभी मर्दों को रखती
कोई अगर उनसे छेड़छाड़ करता
तो उसकी खूब मरम्मत करती।
ये दिल्ली की औरतें कुछ
मीठी कुछ नमकीन।

जींस, स्कर्ट, मिडी सब पहनती
और जब इतराके चलती
तो अपने को ऐश्वर्या से
कम नही समझती।
ये दिल्ली की औरतें
कुछ मीठी कुछ नमकीन।

परिचय :-   भोपाल (मध्य प्रदेश) निवासी डॉ. जयलक्ष्मी विनायक एक कवयित्री, गायिका और लेखिका हैं। स्कूलों व कालेजों में प्राध्यापिका रह चुकी हैं। २००३ में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर संगीत और साहित्य में योगदान के लिए लोकमत द्वारा पुरस्कृत हैं। आप “मैं हूं भोपाल’ के खिताब से भी सुशोभित हैं। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा आपको अपनी एक कविता के लिए प्रशंसा-पत्र भी प्राप्त है। वर्तमान में आप एकलव्य युनिवर्सिटी में अंग्रेजी साहित्य की पीएचडी गाइड नियुक्त है।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

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