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सच्चाई हरदम लिखती है

अंजनी कुमार चतुर्वेदी
निवाड़ी (मध्य प्रदेश)
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परम सुपावन सदा लेखनी,
सबकी किस्मत लिखती।
बरसों पहले भी जैसी थी,
आज पूर्व सी दिखती।

सच्चाई हरदम लिखती है,
सदा झूठ से दूरी।
कलम सदा करती है सबके,
मन की इच्छा पूरी।

गीत गम भरे जब भी लिखती,
रोना आ जाता है।
प्यार भरे गीतों को पढ़कर,
कौना हर्षाता है।

दुखियारों का दुख लिखती है,
लिखती सबकी खुशियाँ।
विरहन का दुख भी लिखती है,
लिख पाती मन बतियाँ।

भेदभाव ना किया कलम ने,
लिखा सदा ही पावन।
रास लिखा मोहन राधा का,
सुंदर सुखद सुहावन।

हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई,
तूने कभी ना माना।
रामायण, बाइबल, कुरान को,
सदा एक सा जाना।

क्या अमीर औ क्या गरीब हैं,
सबको मान दिलाती।
तू सबके सौभाग्य जगा कर,
माँ सम दूध पिलाती।

अगर कलम तू बिक जाएगी,
हाहाकार मचेगी।
डोल गया ईमान कलम का,
दुनिया नहीं बचेगी।

पत्रकार, लेखक, कवि बिकते,
कोई बचा ना पाता।
न्याय, स्वास्थ्य, रक्षा बिक़ती है,
देश गर्त में जाता।

हो मजबूत कलम हाथों में,
कभी ना बिकने वाली।
बोलो कोई दे सकता है,
सत्य निष्ठ को गाली।

कलम कीमती हर साधन से,
इस का मान बढ़ायें।
सही, सत्य, धर्मार्थ लिखें हम,
परहित शीश चढ़ायें।

परिचय :अंजनी कुमार चतुर्वेदी
निवासी : निवाड़ी (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : एम.एस.सी एम.एड स्वर्ण पदक प्राप्त
सम्प्रति : वरिष्ठ व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक २ निवाड़ी
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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