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तुलसी का पौधा

रामसाय श्रीवास “राम”
किरारी बाराद्वार (छत्तीसगढ़)

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तुलसी का पूजन करो,
श्रृद्धा से धर ध्यान।
जग के सारे देव में,
यह है परम महान।।

जल देते प्रति दिन इन्हें,
जो भी नर या नारि।
संकट उनका नित हरें,
महादेव त्रिपुरारि।।

घर के ऑंगन में रखें,
तुलसी पौधा रोप।
कष्ट सभी संहारती,
रोके सकल प्रकोप।।

धर्म-कर्म होता नहीं,
बिन तुलसी के पत्र।
मिल जाती हर ठौर में,
यहाॅं-वहाॅं सर्वत्र।।

श्री विष्णु को प्रिय यही,
रहे सदा ही संग।
भोग नहीं इसके बिना,
कहते सभी प्रसंग।।

रोग निवारक है दवा,
इसके गुंण अनंत।
तुलसी को सब मानते,
हो गृहस्थ या संत।।

तुलसी पौधा देव का,
है जग पर उपकार।
*राम* बिमारी में करें,
इससे शुभ उपचार।।

परिचय :- रामसाय श्रीवास “राम”
निवासी : किरारी बाराद्वार, त.- सक्ती, जिला- जांजगीर चाम्पा (छत्तीसगढ़)
रूचि : गीत, कविता इत्यादि लेखन
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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