Saturday, November 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

अर्चना मंडलोई के लघुकथा संग्रह “पीहर की देहरी” का विमोचन

इंदौर ७ मई। वरिष्ठ लेखिका और शिक्षिका श्रीमती अर्चना मंडलोई की प्रथम पुस्तक (लघुकथा-संग्रह) पीहर की देहरी का विमोचन शुक्रवार को माधव विद्यापीठ, अहिल्या नगर के सभागृह में हुआ। विमोचन समारोह के मुख्य अतिथि साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश के निदेशक डाॅक्टर विकास दवे थे। उन्होंने कहा कि लघुकथा लिखना आसान नहीं है। कहानी और उपन्यास लिखने से अधिक कठिन होता है लघुकथा लिखना। अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी श्री जयप्रकाश नाईक ने की। विशेष अतिथि विचार प्रवाह साहित्य मंच की अध्यक्ष श्रीमती सुषमा दुबे ने पीहर की देहरी को भावनात्मक रचनाओं का संग्रह और अर्चना मंडलोई को संवेदनशील लेखिका बताया।

राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच के संस्थापक पवन मकवाना “हिंदी रक्षक” श्रीमती अर्चना मंडलोई को भगवा पल्लव पहनाकर शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए।


विशेष अतिथि वामा साहित्य मंच की अध्यक्ष श्रीमती अमर चड्ढा ने कहा कि लघुकथा लिखना गागर में सागर भरने जैसा है। पुस्तक चर्चाकार वरिष्ठ लघुकथाकार श्रीमती सीमा व्यास ने कहा लघुकथा सरल दिखने वाली पर वास्तव में कठिन विधा है। अर्चना मंडलोई की ज्यादातर लघुकथाएं इस विधा के तय मापदंड पर खरी उतरती हैं। समारोह को वरिष्ठ पत्रकार श्री कृष्ण कुमार अष्ठाना ने भी संबोधित किया। लेखिका अर्चना मंडलोई ने अपनी लेखन-यात्रा की जानकारी दी। राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच के संस्थापक पवन मकवाना “हिंदी रक्षक” ने श्रीमती अर्चना मंडलोई को भगवा पल्लव पहनाकर शुभकामनाएं प्रेषित की। इस अवसर पर मुकेश तिवारी, अर्पण जैन, कवि प्रदीप नवीन, संतोष जी मोहंती, संध्याराय चौधरी, विजयसिंह, देवेंद्र सिसोदिया माधुरी व्यास, मित्रा शर्मा आदि साहित्य मनीषी उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत ललित मंडलोई, मनीष व्यास ने, संचालन डाॅक्टर दीपा व्यास ने किया। आभार मुकेश तिवारी ने माना।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *