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बिन शिक्षा बेकार

डॉ. जबरा राम कंडारा
रानीवाड़ा, जालोर (राजस्थान)

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बिन शिक्षा बेकार, होय नाकारा जैसा।
नही मिले सम्मान, पास हो बहु धन पैसा।।

पढ़ा-लिखा जो खूब, मान उसका बढ़ जाता।
पद कद ऊंचा होय, सभा में वो चर्चाता।।

है शिक्षा में सार, बाल उसके सब पढ़ते।
सब करते तारीफ, पैर निज मंजिल चढ़ते।।

काम बने आसान, मिटे सारी दुविधाएं।
सुख भोगे संसार, पाय सारी सुविधाएं ।।

पढ़ता वेद पुराण, कुरान बाइबिल गीता।
पाये ज्ञान अपार, आधुनिक और अतीता।।

बन महान विद्वान, नाम जग में चमकाये।
ये सकल करामात, पढा है वो कर पाये।।

है बाघिन का दूध, पीये वो दहाड़ेगा।
वो ही भाषणवीर, बात कहे लताड़ेगा।।

परिचय :- डॉ. जबरा राम कंडारा
पिता : सवा राम कंडारा
माता : मीरा देवी
जन्मतिथि : ०७-०२-१९७०
निवासी : रानीवाड़ा, जिला-जालोर, (राजस्थान)
शिक्षा : एम.ए. बीएड
सम्प्रति : वरिष्ठ अध्यापक कवि, लेखक, समीक्षक।
रचना की भाषा : हिंदी, राजस्थानी
विधा : कविता, कहानी, व्यंग्य, लघु कथा, बाल कविता, बाल कथा, लेख।
प्रकाशित : माणक, जागती जोत, शिविरा, सुलगते शब्द (संकलन में) व मासिक पत्रिका, तथा अन्य पत्र-पत्रिकाओं व साझा संकलन में रचनाएं प्रकाशित।
सम्मान : भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा डॉ-आंबेडकर फेलोशिप सम्मान- २०००
राष्ट्रीय समाज सेवा रत्न सम्मान-२०२१
राष्ट्रीय गौरव टॉप ३० आइकॉन अवार्ड २०२० – २०२१
भारत भूषण सम्मान २०२१
बेस्ट अचीवर्स अवार्ड – २०२१
राजस्थान काव्य श्री सम्मान – २०२१
दक्षिणी-पच्छिमी अमेरिकन यूनिवर्सिटी द्वारा पीएचडी (मानद डॉक्टरेट उपाधि) डिग्री अवार्ड।
गांधी सेवा रत्न अवार्ड २०२१
शौर्य भारत सम्मान २०२१
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।)


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