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पुस्तकों का जीवन में महत्व

श्रीमती शोभारानी तिवारी
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जो समाज में रहता है, जिसमें रहने के लिए बहुत सी बातों का ज्ञान होना चाहिए। मनुष्य का समाज में सामाजिक और मानसिक विकास भी होता है। पुराने मंदिर और इतिहास की चीजें नष्ट हो जाती है, लेकिन किताबों में सब कुछ सुरक्षित रहता है, जिसके द्वारा हम इतिहास के विषय में जान सकते हैं। अगर पुस्तक ना हो तो हम बहुत सी बातें हैं बातों से अनजान रह जाएंगे। जिस प्रकार तन को स्वस्थ रखने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार मन को स्वस्थ रखने के लिए साहित्य की आवश्यकता होती है। जीवन की वास्विकता का अनुभव करने के लिए पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए। यह भी नहीं भूलना चाहिए कि पुस्तकें ही हमारे ज्ञानकोष का भंडार है। पुस्तक इंसान की सबसे अच्छी मित्र है, हमेशा पास रहती है, वह बिना बोले ही सब कुछ कह जाती हैं। पुस्तक ही हमें प्रेम करना सिखाती हैंऔर सभ्य बनने के में हमारी मदद करती हैं। जब भी हम मुसीबत में होते हैं, पुस्तक हमें रास्ता दिखाती है, और उचित सलाह देती है। पुस्तकों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। पुस्तक रामायण, गीता, महापुराण, दादा-दादी के नुस्खे आदि बहुत सी पुस्तकें हैं, जो हमारे जीवन में लाभ पहुंचाते हैं। इंटरनेट होने के बावजूद भी पुस्तकें हमारे जीवन के लिए उपयोगी है। बचपन से लेकर बुढ़ापे तक साथ निभाती है। पुस्तकें हमारे मनोरंजन का सबसे अच्छा साधन हैं। आज के आधुनिक युग में बहुत से लोग जो घर से बाहर रहते हैं, या फिर जिनका कोई दोस्त नहीं होता, ऐसे में पुस्तक ही उनका मनोरंजन का साधन होती है, और ऐसे लोग जो पुस्तक पढ़ कर खुश होते हैं। एक तो उनका ज्ञान बढ़ता है और दूसरा बहुत कुछ सीखने को मिलता है। पुस्तकों से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। रामायण को पढ़कर हम यही सीखते हैं, कि हमें सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए और माता-पिता गुरु का की आज्ञा का पालन करना चाहिए। चाहे कैसी भी परिस्थिति हो। वैसे ही पंचतंत्र की कथा से हमें दूसरों की मदद करने की प्रेरणा मिलती है। बुरी संगति से हमेशा बचना चाहिए, जिससे हम अच्छे इंसान बन सकते हैं। पुस्तकों के माध्यम से हम सही और गलत का समझ सकते हैं। जीवन में आगे बढ़ सकते हैं, और खुशहाल जिंदगी जी सकते हैं। आजकल बहुत सी पुस्तकें ऐसी होती हैं, जिनके द्वारा महिलाएं खाना बनाने के नए-नए तरीके सीखती हैं, और अपने परिवार को अच्छा-अच्छा खाना खिलाकर स्वस्थ रख सकती हैं। पुस्तकों के द्वारा हम अपने जीवन में बहुत कुछ पा सकते हैं। इसके लिए किसी का इंतजार नहीं करना पड़ता। पुस्तक ज्ञान अर्जित करने का सरल और आसान माध्यम है, इसके लिए हमें किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। पुस्तकें अमर है, वह कभी नहीं मरती। बहुत से प्राचीन पुस्तकों को लिखने वालों का निधन हो गया है, परंतु उनके द्वारा लिखी पुस्तकें आज भी जीवित हैं, और हमारा मार्गदर्शन करती हैं पुस्तके व्यक्ति के विचार और उनके दृष्टिकोण में बदलाव लाती हैं। पुस्तकों के द्वारा हम प्राचीन समाज को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं, जहां कभी हमारा जीवन रुकता है, वहीं पर धर्म ग्रंथ सहायता करते हैं। अतः पुस्तकों का जीवन में बहुत महत्व है।

परिचय :- श्रीमती शोभारानी तिवारी
पति – श्री ओम प्रकाश तिवारी
जन्मदिन – ३०/०६/१९५७
जन्मस्थान – बिलासपुर छत्तीसगढ़
शिक्षा – एम.ए समाजश शास्त्र, बी टी आई.
व्यवसाय – शासकीय शिक्षक सन् १९७७ से वर्तमान में शासकीय हिन्दी प्राथमिक विद्यालय क्र. ६४ इन्दौर में प्रधानाचार्य
किसी क्षेत्र में उपलब्धियों का विवरण –
श्रेष्ठ शिक्षक अवार्ड ५ सितंबर२०१५
उत्कृष्ट शिक्षक अवार्ड (आइसेक्ट यूनिवर्सिटी) २०१३
एक्सिलेंस टीचर्स अवार्ड (पत्रिका द्वारा) इंदौर २०१५
मालव रत्न अवार्ड इन्दौर २०१६
राज्य स्तरीय पुरस्कार दैनिक विनय उजाला २०१६
शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट सम्मान (साहित्य कलश द्वारा ) २०१८
प्रकाशित रचनाओं की संख्या – ६०
प्रकाशित पुस्तकों की संख्या – ०१
विधा – काव्य (एक उड़ान उन्मुक्त गगन में )

प्राप्त सम्मान :-
जे एम डी पब्लिकेशन द्वारा हिन्दी सेवी सम्मान (दिल्ली) २०१२
साहित्य रत्नाकर सम्मान (लखनऊ) २०१५
माहेश्वरी सम्मान (भोपाल) २०१५
डाँ. महाराज कृष्ण स्मृति सम्मान (शिलांग) २०१५ स्वर्ण पदक
विकल सम्मान (उत्तर प्रदेश) २०१६
विद्या वाचस्पति पुरस्कार (भागलपुर बिहार) २०१६
साहित्य भूषण एवं नारी रत्न सम्मान (रायपुर)
रविन्द्रनाथ ठाकुर सारस्वत साहित्य सम्मान (कोलकाता) २०१५
महिला गौरव सम्मान (खण्डवा) २०१७
१० कलमवीर सम्मान (ग्वालियर) २०१७
११ राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर म.प्र. (hindirakshak.com) द्वारा – हिंदी रक्षक २०२० राष्ट्रीय सम्मान, कुल ४३ अवार्ड
काव्य पाठ का विवरण :-
आकाशवाणी से कविताओं का प्रसारण १६ वर्षों से
खण्डवा म. प्र., कनाड़िया इन्दौर, स्मृति नगर इन्दौर, शिक्षक नगर इन्दौर, पत्रिका मेला इन्दौर, तिलक नगर इन्दौर, माण्डव जिला म. प्र. में
राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच द्वारा आयोजित अ. भा. कवि सम्मेलन में।
घोषणा – मै घोषणा करती हूँ कि प्रेषित जीवन परिचय में मेरे द्वारा दी गई समस्त जानकारी पूर्णतया सत्य है। असत्य पाए जाने की दशा मे हम स्वयं जिम्मेदार होंगे। मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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