रचयिता : संजय वर्मा “दॄष्टि”
========================
निहारती रहती हूँ बाबुल का घर
कितना प्यारा है मेरा बाबुल का घर
आँगन ,सखी,गलियों के सहारे बाबुल का घर
लोरी, गीत ,कहानियों से भरा बाबुल का घर |
बज रही शहनाई रो रहा था बाबुल का घर
रिश्तों के आंसू बता रहे ये था बाबुल का घर
छूटा जा रहा था जेसे मुझसे बाबुल का घर
लगने लगा जेसे मध्यांतर था बाबुल का घर |
बाबुल से जिद्दी फरमाइशे करती थी बाबुल के घर
हिचकियों का संकेत अब याद दिलाता बाबुल का घर
सब आशियानों से कितना प्यारा मेरा बाबुल का घर
रित की तरह तो जाना है एक दिन, छोड़ बाबुल का घर |
परिचय :- नाम :- संजय वर्मा “दॄष्टि” पिता :- श्री शांतीलालजी वर्मा
जन्म तिथि :- २ मई १९६२ (उज्जैन )
शिक्षा :- आय टी आय
व्यवसाय :- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग )
प्रकाशन :- देश – विदेश की विभिन्न पत्र – पत्रिकाओं में रचनाएँ व समाचार पत्रों में निरंतर पत्र और रचनाओं का प्रकाशन, प्रकाशित काव्य कृति “दरवाजे पर दस्तक”, खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के ६५ रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान – २०१५, अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित
संस्थाओं से सम्बद्धता :- शब्दप्रवाह उज्जैन, यशधारा – धार, मगसम दिल्ली,
काव्य मंच/आकाशवाणी/पर काव्य पाठ :- शगुन काव्य मंच
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर कॉल करके सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com सर्च करें…🙏🏻
आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा (SHARE) जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक के ब्राडकॉस्टिंग सेवा से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सेव के लें फिर उस पर अपना नाम और प्लीज़ ऐड मी लिखकर हमें सेंड करें…