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जरा मरकर देखें

जरा मरकर देखें

रचयिता : शिवम यादव ”आशा”

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अब जरा मरकर
देख लेने दे मुझे
कैसा लगता है
अहसास कर
लेने दे मुझे
मैं भी तो जानूँ
इंशानियत क्या है,
मरने की इजाजत
जरा सी दे दे मुझे,
बनकर हवा आसमान में
उङ लेने दे मुझे,
नए जीवन में
पिछले जन्म की
कुछ तो यादें
पास रखने दे मुझे,
उस स्वर्ग की खबरें
कुछ तो नर्क में
बताने दे मुझे
अब जरा मरकर
देख लेने दे मुझे…
लेखक परिचय : नाम शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ”आशा” है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं
रुचि :- अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !!
काव्य संग्रह :- ”राहों हवाओं में मन “

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