Friday, November 8राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

समंदर

समंदर

रचयिता : अर्चना मंडलोई

==============================================================================================

क्या समां है, कि बन गया एक समंदर और।
उभर आये जो आँसू तो ,पलको से बाँधा है, एक दरिया और।
दोस्त मेरा जब सरे शाम रूठता है
एक तूफान जनम लेता है ,मेरे अंदर और।
घुटन फीक्र बेवक्त की आवाजे
इसके अलावा होता नही अंदर मेरे कुछ और।
सुबह की पहली किरण,बन जाए कब ख्वाब
ये जिन्दगी का बसेरा है ,सहर कर ले रात भर और।
तारीफ सुन जिन्दगी़ इठला गई ,मूझे देख कतरा सी गई ,
जिस नज़र से मैने उसे देखा,नजर आती गई दूर और।

लेखिका परिचय : इंदौर निवासी अर्चना मंडलोई शिक्षिका हैं आप एम.ए. हिन्दी साहित्य एवं आप एम.फिल. पी.एच.डी रजीस्टर्ड हैं, आपने विभिन्न विधाओं में लेखन, सामाजिक पत्रिका का संपादन व मालवी नाट्य मंचन किया है, आप अनेक सामाजिक व साहित्यिक संस्थाओं में सदस्य हैं व सामाजिक गतिविधियों मे संलग्न।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर कॉल करके सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com सर्च करें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा (SHARE) जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com  कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक के ब्राडकॉस्टिंग सेवा से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सेव के लें फिर उस पर अपना नाम और प्लीज़ ऐड मी लिखकर हमें सेंड करें…

विशेष सूचना-लेख सहित विविध विषयों पर प्रदर्शित रचनाओं में व्यक्त किए गए विचार अथवा भावनाएँ लेखक की मूल भावना है..http://hindirakshak.com पोर्टल 
या हिंदी रक्षक मंच ऐसी किसी भी कृति पर होने वाले किसी विवाद और नकल (प्रतिलिपि अधिकार) के लिए भी बिल्कुल जिम्मेदार नहीं होगा,इसका दायित्व उक्त रचना
सम्बंधित लेखक का रहेगा। पुनः स्पष्ट किया जा रहा है कि, व्यक्त राय-विचार सम्बंधित रचनाकार के हैं, उनसे सम्पादक मंडल का सहमत होना आवश्यक नहीं है। 
धन्यवाद। संस्थापक-सम्पादक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *