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मेरी राहें

डोमेन्द्र नेताम (डोमू)
डौण्डीलोहारा बालोद (छत्तीसगढ़)
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मेरी राहें मुश्किल नही,
चाहे कितनी भी दूर हो मेरी मंजिल।
मुसाफिर हूं मैं राहगीरों का,
मिलती है मुश्किल से लहरों को साहिल।।

मुसाफिर हूं मैं राहगीरों का,
आगें बढ़ना मेरा काम ।
जब तक न मिलें मेरी मंजिल,
करना नही मुझें आराम।।

राह में कोई कांटे हो या दु:ख हो,
मुझें नही घबराना है।
जिंदगी के सफर में हमेशा,
आगें हि बढ़ते जाना है।।

लोग क्या कहतें है कहने दो,
अपनी दिल की सुन और मन की करों।
मिलेगीं सफलता एक दिन,
अपनी विश्वास अडिग रखों।।

परिचय :- डोमेन्द्र नेताम (डोमू)
निवासी : मुण्डाटोला डौण्डीलोहारा जिला-बालोद (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

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