गीत
रचयिता : मोहम्मद सलीम रज़ा
=====================================================================================================================
हँस दे तो खिले कलियाँ गुलशन में बहार आए
वो ज़ुल्फ़ जो लहराएँ मौसम में निखार आए
oo
मदहोश हुआ दिल क्यूँ बेचैन है क्यूँ आँखें
रंगीन ज़माना क्यूँ महकी हुई क्यूँ सांसें
हूँ दूर मय-ख़ाने से फिर भी क्यूँ ख़ुमार आए
oo
बुलबुल में चहक तुम से फूलों में महक तुम से
तुम से ये बहारे हैं सूरज में चमक तुम से
रुख़्सार पे कलियों के तुम से ही निखार आए
oo
बस इतनी गुज़ारिश है बस इतनी सी चाहत है
जिन जिन पे इनायत है जिन जिन से मोहब्बत है
उन चाहने वालो में मेरा भी शुमार आए
oo
गुलशन में बहारों की इक सेज लगाया है
फूलों को सजाया है पलकों को बिछाया है
ऐ बाद-ए-सबा कह दे अब जाने बहार आए
oo
मिल जाए कोई साथी हर ग़म को सुना डालें
जीवन के हर इक लम्हें खुशिओं से सजा डालें
बेचैन ‘रज़ा’ दिल है पल भर को क़रार आए
परिचय :- नाम – मोहम्मद सलीम रज़ा
शायरी नाम – सलीम रज़ा रीवा
तख़ल्लुस – ”रज़ा”
जन्म स्थान – मध्य प्रदेश का रीवा ज़िला
जन्म दिन – 15.07.1975
तालीम – उर्दू में स्नातक
नौकरी – ब्रान्च मैनेजर लाइफ़ इन्सुरेंस
रचना प्रकाशन – कई पत्र पत्रिकाओं में रचना प्रकाशित
रचना पाठ – आकाशवाणी में कई प्रकाशन, दूरदर्शन में रचना प्रसारण, कई मुशायरे एवं कवि गोष्ठी में रचना पाठ
रचना विधा – गीत, ग़ज़ल, क़तआत, नात – ए – मुबारिक, हम्द
उपलब्धि – महकते हुए फूल
प्रकाशन के लिए तैयार – गुलशन -ए -रज़ा
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर कॉल करके सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com सर्च करें…🙏🏻
आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा (SHARE) जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक के ब्राडकॉस्टिंग सेवा से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सेव के लें फिर उस पर अपना नाम और प्लीज़ ऐड मी लिखकर हमें सेंड करें…
विशेष सूचना-लेख सहित विविध विषयों पर प्रदर्शित रचनाओं में व्यक्त किए गए विचार अथवा भावनाएँ लेखक की मूल भावना है..http://hindirakshak.com पोर्टल या हिंदी रक्षक मंच ऐसी किसी भी कृति पर होने वाले किसी विवाद और नकल (प्रतिलिपि अधिकार) के लिए भी बिल्कुल जिम्मेदार नहीं होगा,इसका दायित्व उक्त रचना सम्बंधित लेखक का रहेगा। पुनः स्पष्ट किया जा रहा है कि, व्यक्त राय-विचार सम्बंधित रचनाकार के हैं, उनसे सम्पादक मंडल का सहमत होना आवश्यक नहीं है। धन्यवाद। संस्थापक-सम्पादक