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ये कैसा राष्ट्र प्रेम

सुरेश चन्द्र जोशी
विनोद नगर (दिल्ली)
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ये कैसा राष्ट्र प्रेम तुम्हारा,
देशभक्तों को मिटाते आये हो।
सत्ता के लिए अबतक तुम,
देशभक्तों को मिटाते आये हो।।

राह से हटाया था बोस तुमने,
सुखदेव राजगुरु को फांसी चढ़ने दिया।
चन्द्र शेखर को विवश किया तुमने,
भगतसिंह को भी फांसी चढ़ने दिया।।

चयनित पटेल थे बहुमत से फिर भी,
प्रधानमंत्री जिन्होंने न बनने दिया।
कर समझौता गोरों से तुमने तब,
प्रधानमंत्री पद को झपट लिया।।

समझते लोकतंत्र को बपौती क्यों,
शास्त्री जी का तुमने कैसा हश्र किया।
कर अपमान सीताराम केसरी का,
नरसिंहाराव का कैसा हस्र किया।।

अब तो हद कर दी अरे तुमने आज,
प्रधानमंत्री पद की गरिमा को भुला दिया।
चक्रव्यूह रचकर राष्ट्र समापन का क्यों,
पापी दल ने राष्ट्र की गरिमा को भुला दिया।।

क्यों चुप हो गये प्रतिपक्षी सारे आज,
जब “हाउ द जोश” कांग्रेस ने बता दिया।
“मोदी” विरोध में क्या नेताओ आज,
सबने राष्ट्र प्रेम भी नहीं है जता दिया।।

दिया धन्यवाद प्रधानमंत्री मोदी जी ने,
पर माँ भारती ने उन्हें बचा लिया।
कठपुतली मुख्यमंत्री ने तो को बक्तव्य से,
सच्चा कांग्रेसी नेता स्वयं को बता दिया।।

परिचय :- सुरेश चन्द्र जोशी
शिक्षा : आचार्य, बीएड टीजीटी (संस्कृत) दिल्ली प्रशासन
निवासी : विनोद नगर (दिल्ली)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

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