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तुम चाँद हो पूनम का

अशोक पटेल “आशु”
धमतरी (छत्तीसगढ़)
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तुम चाँद हो पूनम का
मैं तेरा ही चितचोर हूँ।
तुम चाँद….मैं तेरा…

तुम सावन की फुहार हो
मैं प्यासा उमस का थार हूँ
तुम शीतल ठंडी बहार हो
मैं पतझर का तलबगार हुँ।
तुम चाँद….मैं तेरा..

तुम बाग के खिलते फूल हो
मैं मंडराता बांवरा भ्रमर हूँ,
तुम सुरभित फुल बयार हो
मैं प्रतिक्षित राही डगर हूँ।
तुम चाँद….मैं तेरा..

तुम उषा सिंदूरी लाली हो
मैं आतुर दिवस वासर हूँ।
तुम सुनहरी लाली आभा हो
मैं तुमसे ही होता उजागर हूँ।
तुम चाँद….मैं तेरा..

तेरे बिना मेरा कुछ नही है
तू तो मेरा सर्वस्व संसार है
तू ही आसरा तू ही आधार है
तुमसे जीवन ये खुशगवार है

परिचय :अशोक पटेल “आशु”
निवासी : मेघा-धमतरी (छत्तीसगढ़)
सम्प्रति : हिंदी- व्याख्याता
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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