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कैसा हिंदुस्तान चाहिए …

आलोक रंजन त्रिपाठी “इंदौरवी”
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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कैसा हिंदुस्तान चाहिए बोलो तो बतलाऊं मैं
घर कैसा मेहमान चाहिए बोलो तो बतलाऊं मैं

जिसकी गलियों में नित गूंजे वेद मंत्र की पावन धुन
जिसके हर घर पर अंकित हो स्वास्तिक और शुभ लाभ सगुन
जिसकी नदियों के कलरव में राम कृष्ण शिव गान रहे
जिसकी मस्तक पर इस जग में विश्व गुरु पहचान रहे
बस ऐसी पहचान चाहिए बोलो तो बतलाऊं मैं
कैसा….

इस धरती का कण-कण ही भारत मां का यशगान करे
चाहे किसी धर्म को माने पर सबका सम्मान करे
आपस में सद्भाव रहे मानवता का अनुराग रहे
स्वार्थ सिद्धि से ऊपर उठकर सब में सच्चा भाव रहे
बस ऐसा इंसान चाहिए बोलो तो बतलाऊं मैं
कैसा….

राजनीति परिवारवाद निज स्वार्थ वाद से दूर रहे
नेताओं में अपनी संस्कृति के प्रति सच्चा राग रहे
सत्य सनातन के आदर्शों के प्रति सबकी निष्ठा हो
हिंद देश हिंदी भाषा की बस सब ओर प्रतिष्ठा हो
ऐसा ही आह्वान चाहिए बोलो तो बतलाऊं मैं
कैसा….

जिन ऋषियों ने सात्विकता को जीवन में आयाम दिया
जिन चरित्र निर्माताओं ने भारत को अभिमान दिया
मांस और मदिरा से वंचित जीवन की यह राह रहे
सत् चरित्र शुभ संकल्पों की हम सब में बस चाह रहे
सादा खान पान चाहिए बोलो तो बतलाऊं मैं
कैसा….

परिचय :- आलोक रंजन त्रिपाठी “इंदौरवी”
निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : एमए (हिंदी साहित्य)
लेखन : गीत, गजल, मुक्तक, कहानी, तुम मेरे गीतों में आते प्रकाशन के अधीन, तीन साझा संग्रह में रचनाएं प्रकाशित, १० से ज्यादा कहानियां पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित, ५० से ज्यादा गीत के चल पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित, २०१६ से लेखन में अभिरुचि
विशेष : आध्यात्मिक प्रवक्ता एस्ट्रोलॉजर
घोषणा पत्र : मेरे द्वारा यह प्रमाणित किया जाता है कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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