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वीर शहीद

रामसाय श्रीवास “राम”
किरारी बाराद्वार (छत्तीसगढ़)

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                          (१)
वीरों के बलिदान को, कैसे भूलें देश ।
देते हैं निज प्राण वे, खुद सहकर के क्लेश ।।
खुद सहकर के क्लेश, देश की लाज बचाते ।
तन मन सब कुछ वार, मौत को गले लगाते ।।
हैं शहीद वे लाल, देश के असली हीरो ।
रखें देश की भाल, सदा ऊँचे ये वीरों ।।

(२)
धरती माता के हुए, हैं सपूत कुछ लाल ।
लाज बचाने देश की, वरण किए वे काल ।।
वरण किए वे काल, जहाँ में अमर हुए हैं ।
हो शहीद वर माल, गले में पहन लिए हैं ।।
उनके यश की गान, आज भारत माँ करती ।
वीरों की सम्मान, सदा करती है धरती ।।

परिचय :- रामसाय श्रीवास “राम”
निवासी : किरारी बाराद्वार, त.- सक्ती, जिला- जांजगीर चाम्पा (छत्तीसगढ़)
रूचि : गीत, कविता इत्यादि लेखन
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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