रजनी गुप्ता ‘पूनम चंद्रिका’
लखनऊ
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धन की सुखवर्षा सदा, करना आप कुबेर।
प्रभु मेरी विनती सुनो, लगा रही हूँ टेर।।पूज रहे सब संग में, लक्ष्मी और गणेश।
हो वर्षा सौभाग्य की, करें कुबेर प्रवेश।।नरक चतुर्दश पर रहें, दुख कोसों ही दूर।
माँ लक्ष्मी की हो कृपा, हम सब पर भरपूर।।हनुमत का है अवतरण, नरक चतुर्दश- वार।
बल विद्या अरु बुद्धि के, भरते हनु भण्डार।।दुःख सहें कन्या बहुत, थीं षोडशः हजार।
नरकासुर को मार कर, दिया कृष्ण ने तार।।शिव चतुर्दशी पर मनुज, शिव को करो प्रणाम।
पंचामृत अर्पण करो, गौरा का लो नाम।।मना रहे दीपावली, गणपति का ले नाम।
नारायण के संग में, रमा विराजें धाम।।महामयी ममतामयी, माँ की कृपा महान।
आओ घर में आप माँ, देने को वरदान।।
परिचय : रजनी गुप्ता ‘पूनम चंद्रिका’
उपनाम :- ‘चंद्रिका’
पिता :- श्री रामचंद्र गुप्ता
माता – श्रीमती रामदुलारी गुप्ता
पति :- श्री संजय गुप्ता
जन्मतिथि व निवास स्थान :- १६ जुलाई १९६७, तहज़ीब व नवाबों का शहर लखनऊ की सरज़मीं
शिक्षा :- एम.ए.- (राजनीति शास्त्र) बीएड
व्यवसाय :- गृहणी
प्रकाशन :- राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर म.प्र. के hindirakshak.com पर रचना प्रकाशन के साथ ही कतिपय पत्रिकाओं में कुछ रचनाओं का प्रकाशन हुआ है
सम्मान :- समूहों द्वारा विजेता घोषित किया जाता रहा है। दो बार नागरिक अभिनंदन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मंचों पर काव्य-पाठ व लघुकथा का पाठन करती रहती हूँ। सांस्कृतिक एवं सामाजिक योगदान हेतु सम्मान-पत्र प्रदान किया गया है। विद्यालय के समय भी अनेक पुरस्कार मिले हैं।
रचना की विधा :- अधिकतर दोहा सृजन, छंदमुक्त कविताएँ, मुक्तक, दोहा, गजल, छंद, हाइकु दोहा, गीत, गीतिका, लघुकथा, संस्मरण आदि….
घोषणा पत्र :- मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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