Sunday, November 24राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

रंगमंच सी है ये दुनिया

अर्चना तिवारी “अभिलाषा”
रामबाग, (कानपुर)
********************

सरसी छंद :-

रंगमंच सी है ये दुनिया,
हम सब हैं किरदार।
जाना सबको इस दुनिया से,
खाली हाथ पसार।।
फिर काहे की उलझन भइया,
काहे की तकरार।
हँसी खुशी से मिल लो सबसे,
मिले दिवस हैं चार।।

परिचय :-  अर्चना तिवारी “अभिलाषा”
पिता : स्वर्गीय जगन्नाथ प्रसाद बाजपेई
माता : श्रीमती रानी बाजपेयी
पति : श्री धर्मेंद्र तिवारी
जन्मतिथि : ४ जनवरी
शिक्षा : एम ए (राजनीति शास्त्र) बी लिब- राजर्षि टंडन ओपेन यूनिवर्सिटी-प्रयागराज
निवासी : रामबाग, (कानपुर)
अभिरुचि : आध्यात्मिक व साहित्यिक पुस्तकों का अध्ययन व लेखन
साहित्यिक उपलब्धियाँ : साहित्य संगम संस्थान द्वारा प्रकाशित एकल पुस्तक-काव्यमेध, साझा संग्रहों में रचनाएं प्रकाशित, मासिक ई पत्रिका में श्रेष्ठ सृजन हेतु कविताएं व आलेख प्रकाशित।
सम्मान : अम्रता प्रीतम कवियित्री सम्मान, नारी गौरव सम्मान २०२१, हिंदी प्रेरणा सम्मान, साहित्य मार्तंड सम्मान, साहित्य संगम सम्मान, जन चेतना सम्मान, शब्द साधक सम्मान, अलकनंदा सम्मान, साहित्य ज्योति सम्मान, छंद सम्राज्ञी सम्मान, काव्य सेतु सम्मान, आंचलिक साहित्यकार सम्मान, फणीश्वरनाथ रेणु सम्मान, हिंदी साहित्य गौरव सम्मान, दोहा विज्ञ सम्मान, साहित्य साधक सम्मान, दोहा धुरंधर सम्मान, दोहा सृजन सरोवर सम्मान, दोहा रचनाकार मंच तथा दोहा दर्पण द्वारा आयोजित दैनिक सृजन में श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान, वैश्विक हिंदी संस्थान ह्यूस्टन यू एस ए द्वारा आयोजित अंतराष्ट्रीय काव्य गोष्ठी मेरा भारत में कविता पाठ करने में प्रशस्ति-पत्र द्वारा सम्मानित। विभिन्न विषयों पर आधारित रचनाओं के लिये अनेकों ऑनलाइन दैनिक सर्वश्रेष्ठ रचनाकार सम्मान तथा मंचों द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में भी सम्मानजनक स्थान प्राप्त।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *