Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

बचपन

संजय वर्मा “दॄष्टि”
मनावर (धार)
********************

नन्हें बच्चों के पाँव में
बँधी पायल
ठुमकने से जब बजती
कानों को दे जाती सुकून ।
दादा-दादी की पीठ पर
नरम नरम पाँवों से
चलाने का चलन
अब कहा
जिससे कभी
दिनभर की थकान हो जाती थी
छूमंतर।
नन्हे बच्चों से
बिस्किट, चॉकलेट की पन्नियां
घरों में बिखरती।
टूटे बिस्किट के कणों को
दोस्त बनकर
चुगने आजाती चिड़िया।
दादी के तोतले मुख से
मीठी लोरियों की आवाज
सपनों की दुनिया में
परियों के देश ले जाती कभी।
अब कोलाहल में
सपने गुम।
सुबह नींद में आँखे मलते
बच्चों के मुस्कुराते चेहरे
सारे दिन घर मे
रौनक भर देते।
बचपन होता ही अनोखा
बचपन को हर कोई
खिलाना चाहता।
एक गोदी से दूसरी गोदी
हर एक के साथ फोटो
पूरा मोहल्ला दीवाना
बचपन होता ही
जादू भरा।
बेफिक्री आँखों में
नन्हें खिलौने
नन्हें दोस्त
नन्ही जिद्ध
नन्हें आँसू
बचपन में मिलते
बचपन लौट के नही आता
अब तो
बचपन के ख़्याल
एलबम में देख
सुकून पा लेते।
बच्चे मोबाइल टीवी देख
खुद ही सो जाते।

परिचय :- संजय वर्मा “दॄष्टि”
पिता :- श्री शांतीलालजी वर्मा
जन्म तिथि :- २ मई १९६२ (उज्जैन)

शिक्षा :- आय टी आय
व्यवसाय :- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग)
प्रकाशन :- देश-विदेश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ व समाचार पत्रों में निरंतर पत्र और रचनाओं का प्रकाशन, प्रकाशित काव्य कृति “दरवाजे पर दस्तक”, खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के ६५ रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान – २०१५, अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित
संस्थाओं से सम्बद्धता :- शब्दप्रवाह उज्जैन, यशधारा – धार, मगसम दिल्ली,
काव्य पाठ :- काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ, शगुन काव्य मंच
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *