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संस्कृति की शान हिंदी

राजेन्द्र कुमार पाण्डेय ‘राज’
बागबाहरा (छत्तीसगढ़)

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हिंदी, हिन्दू हिंदुस्तान है हिंदी
निज गौरव का ये अभिमान हिंदी
संकल्प है विश्व की भाषा बने हिंदी
हम भारतीयों ये अभिलाषा हिंदी
गौरव महिमा का गान बने हिंदी
संसार का मान और सम्मान बने
हमारे भारत की सभ्यता है हिंदी
हिन्दू संस्कृति की सम्मान है हिंदी
जाती धर्म से हटकर ऊपर है हिन्दी
भारतीयों के शान की पहचान हिंदी है
विश्व भाषा यह बने सर्वमान्य हिंदी
जन जन की आशा और विश्वास है हिंदी
विश्व भाषा का अनुवाद है हिंदी
संवाद का अत्यंत सरल साधन हिंदी
साहित्य जगत का सृजन है हिंदी
सभी की सर्वमान्य भाषा बने हिंदी
अपनेपन का भाव जगाए हिंदी
सबका प्यारा सबका दुलारा हिंदी
सब भाषा से रिश्ता रखती हिंदी
समरसता का भाव जगाती हिंदी
जन भाषा का संदेश बने हिंदी
दृढ़ संकल्पों सभी की भाषा हिंदी
विश्व पटल पे सम्मान मिले हिंदी
बने विश्व की भाषा बने हमारी हिंदी
न्यायोचित अधिकार मिले हिंदी को
विश्व के मानस पटल पे इठलाये हिंदी
संकल्प हमारे पूर्ण हो प्रयास करें सभी
स्वर्णिम उज्ज्वल भविष्य बने ये हिंदी
हिंदुस्तान अर्थ हीन है बिना हिंदी के
भारतवासी के दिल की धड़कन हिंदी
हिंदुस्तानियों की साँसे हमारी हिंदी
हिंदुस्तान की आन बान शान है हिंदी
जन मन गण की अभिलाषा है हिंदी
हिन्दूत्व संस्कृति की संस्कार है हिंदी
भारत के गौरव गरिमा की गान है हिंदी

परिचय :-  राजेन्द्र कुमार पाण्डेय ‘राज’
निवासी : बागबाहरा (छत्तीसगढ़)
सम्प्रति : प्राचार्य सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बागबाहरा
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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