डॉ. रश्मि शुक्ला
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
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मंगल करने आया सब का,
रक्षाबंधन का त्योहार,
पुलकित हो रहे सभी जन,
भर अंतस में प्यार।विश्वास का सूत्र बाँधकर,
बहन भावना भरती,
सुरक्षित हो मेरा जीवन,
यही बहना प्रार्थना करती,हम जैसे भी है भैया! तुमने,
हमें सदा दुलराया है,
सुख-दुःख सब जीवन के भूले,
इतना प्यार लुटाया है,स्नेह के इस महत्वपूर्ण पर्व पर,
हरियाली विकसाएँ,
नष्ट हुई जो प्राकृत सुषमा,
उसको पुनः बढ़ाएं,धरती माँ के बन संतान हम,
कर दें यह उपकार।
मंगल करने आया सबका,
रक्षाबंधन का त्योहार।।भैया साथ बिताये थे जो पल,
उसका एहसास ह्रदय में,
पुलकन यादों की हर क्षण में,
अनुभूति अनेकों मन में,सब कुछ बसता भावों में,
अनुभव रहता हर क्षण है,
रूठना, मनाना, इतराना,
कर याद स्वयं पर गर्वित हैं,श्रावण के इस महापर्व पर,
आओ करें विचार।
मंगल करने आया सबका
रक्षाबंधन का त्योहार।।आपका संकल्प है भैया,
हम सब स्वर्ग धरती पर उतारें,
पद-दलित पीड़ित जनों को,
प्यार ममता से दुलारे,ज्ञान की लेकर मशालें,
ज्योति हम जग में जलाएँ,
श्रेष्ठ चिंतन, आचरण से,
भारत की गरिमा बढ़ाए,बहन के इस विनय भाव को,
करना मत इनकार।
मंगल करने आया सबका,
रक्षाबंधन का त्योहार। ।
परिचय :- डॉ. रश्मि शुक्ला
निवासी : प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
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