Friday, November 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

लेखक पाठक और श्रोता का रिश्ता

संजय जैन
मुंबई (महाराष्ट्र)
********************

सागर से भी गहरा है
हमारा आपका रिश्ता।
आसमान से भी ऊंचा है
हमारा आपका का रिश्ता।
मैं दुआ करता हूँ ईश्वर से,
की ऐसा ही बना रहे ये रिश्ता।।

समर्पण का दूसरा भाव हैं
आपका हमारा रिश्ता।
विश्वास की अनूठी गाथा हैं
लेखक पाठक का रिश्ता।
स्नेह प्यार की मिसाल हैं
हम दोनों का रिश्ता।
तभी तो माँ वीणा की कृपा
बनी रहती है लेखक पर।।

दिलकी गहराई से दुआ दी है
आप लोगों ने मुझे।
इसी तरह से आगे भी
प्रतिक्रियां आप देते रहे।
नज़र ना लगे कभी हम
दोनों के इस रिश्ते को।
चाँद-सितारों से भी लंबा साथ
बना रहे लेखक पाठक का।।

कभी ख़ुशी कभी गम
ये स्नेह हो न कभी कम।
हम लिखते रहे आप पड़ते रहो
लेखक पाठक के रिश्तों को
और मजबूत करो।
तभी देश में गुलाब की
तरह दोनों महकते रहोगें।।

लेखक के भावों को समझकर
शायद आपको सुकून मिलेगा।
बुझते हुए दिलों में
खुशियों के कमल खिलेंगे।
दिनका हर लम्हा ख़ुशी देगा
हमारे पाठक गणों को।
गमकी हवा छू के भी ना गुजरे
ऐसी दुआ लेखक दिलसे
अपने पाठको देता हैं।।

संजय दिलसे आभारी है
अपने श्रोता और पाठको का।
जिन्होंने संजय को इस
मुकाम तक पहुँचाया।
आगे भी सलामत रहे
हमारा आपका साथ।
क्योंकि लेखक का परमात्मा
उसका पाठक ही होता है।।

परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के निवासी संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। करीब २५ वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) सहित बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं। ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी के चलते कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। आप मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखने के साथ-साथ मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है, आप लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें….🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *