आरती यादव “यदुवंशी”
पटियाला, पंजाब
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मैं भारत की बेटी हूँ,
भारत का गीत सुनाती हूँ
गाँधी, बोस और चंद्रशेखर
की कुर्बानी को गाती हूँ,
भगत सिंह भारत माँ की
ममता का कर्ज चुकता है
इसके दामन की रक्षा हेतु
सूली पर चढ़ जाता है,
लड़ी लड़ाई झांसी वाली,
दुश्मन उससे हार गए
जाने कितने देश भक्त,
जो शीश भारत पर वार गए,
स्वतंत्र, समृद्ध और सबल
भारत की आज़ादी को गाती हूँ
मैं भारत की बेटी हूँ,
भारत का गीत सुनाती हूँ ।।जब अंग्रेजी सत्ता की
तानाशाही ना बर्दाश्त हुई
भारत की भोली जनता
जब उनसे बहुत हताश हुई,
भड़क उठी ज्वाला हर दिल में,
स्वतंत्रता संग्राम की
गली-गली फिर लहर चली
इक आज़ादी के नाम की,
भारत के लालों के आगे
दुशमन देखो हार गए,
भारत के लालों को देखो,
भारत पर शीश वो वार गए,
सींचा जिसको रक्त बूँद से,
मैं वो किस्सा बतलाती हूँ,
मैं भारत की बेटी हूँ,
भारत का गीत सुनाती हूँ।।जब डायर की साज़िश का
जलियावालां हुआ शिकार था,
तब भगत सिंह के सर पर
ख़ूनी बदला हुआ सवार था,
ठान लिया था उस दिन ही,
इसको मैं मजा चखाऊँगा
इक दिन मैं भी इस गोरे को,
जिंदा यूँही जलाऊँगा,
जब डायर को मारा था,
भारत के वीर ओ जवान ने
तब खुशहाली छाई थी
देखो सारे हिंदुस्तान में,
भारत के उस वीर पुत्र की
शौर्य गाथा को गाती हूँ
मैं भारत की बेटी हूँ,
भारत का गीत सुनाती हूँ।।जब धर्म की रक्षा के ख़ातिर
गुरू तेग हुए कुर्बान थे,
कश्मीरी पंडितों के आगे
गोविंद बने महान थे,
जो अपने धर्म पर अड़े रहे,
वो गोविंद के नन्हें लाल थे
दीवारों में जिंदा चुनवाया,
वो बाल बहुत नादान थे,
अमृत से सींचा हर सिंह को,
सिंह हमारा नाम हुआ
धर्म की रक्षा करना उस दिन से,
प्रथम हमारा काम हुआ,
वार दिया पुत्रों को जिसने,
मैं वो बलिदान बताती हूँ
मैं भारत की बेटी हूँ,
भारत का गीत सुनाती हूँ
मैं भारत की बेटी हूँ,
भारत का गीत सुनाती हूँ।।
परिचय :- आरती यादव “यदुवंशी”
निवासी : पटियाला, पंजाब
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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