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स्वतंत्र संग्राम

संध्या नेमा
बालाघाट (मध्य प्रदेश)
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सब देश देखते रहे गए
हमारा स्वतंत्रता संग्राम युद्ध

प्रारंभ हुआ १० मई १८५७
अंत हुआ १५ अगस्त १९४७ में

कितनी मुसीबत आ गई थी
देश में पर हमने हार नहीं मानी थी

एक से बढ़कर एक ने साथ दिया था
भारत में स्वतंत्र संग्राम युद्ध भी जीता था

वो देश के बलिदान भूल गए थे
१८५७ प्रभुत्व लार्ड डलहौजी गवर्नर थे

२०० साल पहले अंग्रेज के बाद
ईरान और पारसी आ गए हिंदुस्तान में
देने लगे भड़काऊ भाषण
एक भारतीय को दूसरे भारतीय के लिए

बस गए मराठा, कानपुर, झांसी
दिल्ली और अवध में

मंगल पांडे, बरकत खान, बेगम ,
महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस आदि।

जलियांवाला बाग कांड,
नई दिल्ली विधानसभा बम ब्लास्ट,
असहयोग आंदोलन,
नमक कानून आंदोलन
भारत छोड़ो आंदोलन आदि

खून पसीना एक कर दिया
और देश को स्वतंत्र करवा दिए

सब देश देखते रहे गए
हमारा स्वतंत्रता संग्राम युद्ध

परिचय : संध्या नेमा
निवासी : बालाघाट (मध्य प्रदेश)
घोषणा : मैं यह शपथ पूर्वक घोषणा करती हूँ कि उपरोक्त रचना पूर्णतः मौलिक है।


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