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सब्र से ही इश्क महरूम है

होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा
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सब्र करना जरूरी होता है,
सब्र करना कभी मजबूरी है,
सब्र कभी मजा देता धूम है,
सब्र से ही इश्क महरूम है।

इश्क की हालात पतली है,
हुस्न की जीत ही असली है,
पर सब्र से लेना होता काम,
इश्क लगती सुंदर ढफली है।

घर द्वार भी सज जाते कभी,
जब हुस्न चलके घर आता है,
बहारे भी फूल बरसाती देखी,
कभी इश्क दिल तड़पाता है।

इंतजार करना भी मजबूरी है,
बांहों में सजना भी जरूरी है,
जब हवायें विपरीत चलती है,
दिलों की बढ़ती बस दूरी है।

कभी इश्क भी ताने सहता है,
कभी हुस्न दिल में रहता है,
सब्र भी कभी कब्र बन जाता,
अश्रु की धार झर झर बहते हैं।

जब चाहत बलि चढ़ जाएगी,
तब तो हुस्न बनता मासूम है,
सब्र करना पड़ता तब कभी,
सब्र से ही इश्क महरूम है।

सब्र करके मजनूं रोया है,
लैला का दुपट्टा भिगोया है,
सब्र से ही इश्क महरूम है,
दिल जान सब ही खोया है।

बंजर भूमि सी लगती कभी,
सब्र करते करते किसी यार,
कभी पास आकर बिछुड़ता,
नसीब नहीं हो पाता प्यार।

सब्र करते रहना पहचान है,
सब्र का फल ही महान है,
सब्र तो करते रहना पड़ता है,
सब्र जीवन का ही विधान है।

सब्र से ही इश्क महरूम है,
सब्र से ही हुस्न महफूज है,
सब्र करने की शक्ति हो तो,
सब्र ही चांदनी सी दूज है।

सब्र से ही इश्क महरूम है
सब्र करना जमाने ने माना,
सब्र नहीं कर पाता है जो,
उसे पड़ता दर्द राग गाना।।

परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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