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बारिश का मौसम

खुमान सिंह भाट
रमतरा, बालोद, (छत्तीसगढ़)
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इंतजार की घड़ी हुआ खत्म
भूरे-काले बादल
वर्षा की चांदनी बूंदे
धरती के चरणकमल पखारे
सूखी मिट्टी की ढेर
पथरीली मैदान
नजरें जिधर भी निहारते
हरी भरी वसुंधरा नजर आए
देख परिदृश्य ह्रदय शांति भर आए…

संगत मधुर बड़ी है कुदरत की
फल स्वरुप पल रहे जो प्राणी
भुरे-काले बादलों की छांव
हरे भरे पेड़ों का रूप
रंगों का संयोजन चमत्कृत करता…

गीली राह तस्वीर बनाएं
इन गलियों को हम कैसे भूल जाए
जल से संभव मानव जीवन
धरती का श्रृंगारगार बढ़ाएं
हरियाली से वातावरण अनुकूल हो जाए…

पौधों की कुलगियो पर
कंधे सा फेरती जाए
बदलता पल-पल प्रकृति
स्वरूप अपना दिखलाएं
भुरे- काले बादलों की झुंड
धरती पर वर्षा बनकर बिखर जाए…

परिचय :- खुमान सिंह भाट
पिता : श्री पुनित राम भाट
निवासी : ग्राम- रमतरा, जिला- बालोद, (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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