Sunday, November 24राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

सावन का महीना

मईनुदीन कोहरी
बीकानेर (राजस्थान)

********************

ये सावन का महीना
ये चंचल जवानी ।
जा के शुरू करें,
कहीं अपनी प्रेम कहानी ।।

ये मन्द – मन्द मदमाती
गगन में घनघोर घटाएं ।
दिल यूँ कहता है,
जाके बसाएं कहीं प्रेम नगर रांनी ।।

रिमझिम-रिमझिम सावन के बादल
बरसा रहे हैं पानी।
मुस्कानों की आंधी में छुप जाओ,
मेरी बाहों में आकर रांनी ।।

भीगी पलकें – भीगे गेसू
गोरे मुख से टपक रहा पानी ।
चिलमन से पलकें गिराके,
आहों की बाहों में आजा रांनी ।।

चमक-चमक के बिजली चमके
गालों पे गिर निहारे गोरी को पानी ।
सावन की भीनी भीनी-ठंडी ठंडी,
हवाएं अठखेलियां आँचल से करे रानी ।।

आंखों का काजल-होठों की लाली
गिर के यूँ तडप जगा रहे ।
साजन से कहे सावन के बादल,
दिल की प्यास बुझा लो संग रानी ।।

परिचय : मईनुदीन कोहरी
उपनाम : नाचीज बीकानेरी
निवासी – बीकानेर राजस्थान
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *