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मित्रता

रश्मि श्रीवास्तव “सुकून”
पदमनाभपुर दुर्ग (छत्तीसगढ़)
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मित्रता करनी हो तो दोस्त
सुदामा कृष्ण सा करना
कसम ये खालो तुम आज
कि संग है जीना और मरना
किसी की हैसियत न आये
दरमियां तेरे और मेरे
जो आये बीच में दौलत
किनारे उसको तुम करना
यकीं तुम दोस्त की बातो पर
हरदम इस कदर करना
जो कह दे आकर खुदा तुमसे
तो कहना माफ करना
बचपन की है ये दौलत
इसे संभाल कर रखना
बहुत अनमोल है रिश्ते
हमेशा तुम नज़र रखना
दुनिया के सारे रिश्तों को
तुम जांचना परखना
इसे तुमने बनाया है
हमेशा याद ये रखना
ऐ मेरे दोस्त सुन
इस दोस्ती को ऐसे निभाना
मिसालों में रहे हम तुम
और देखे सारा जमाना

परिचय : रश्मि श्रीवास्तव “सुकून”
निवासी : मुक्तनगर, पदमनाभपुर दुर्ग (छत्तीसगढ़)
घोषणा : मैं यह शपथ पूर्वक घोषणा करती हूँ कि उपरोक्त रचना पूर्णतः मौलिक है।


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