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मुझे अफसोस है

होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा
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अब ना जवानी ना जोश है,
राक्षसों के प्रति नहीं रोष है,
सच कहना खुद में दोष है,
देख देख बड़ा अफसोस है।

देशभक्त अनेकों मिलते थे,
अब ना वो नेताजी बोस है,
देशद्रोही जगत में अब बढ़े,
इसका अधिक अफसोस है।

अब नहीं रहे देश में बच्चे,
मात, पिता, गुरु से डरते है,
दर्द दे रहे दिन रात अब तो,
इस पर अफसोस करते है।

चरित्रवान मिलते थे बहुत,
अब मिलता चरित्र दोष है,
अत्याचार बढ़ा गली गली,
मुझे इस पर अफसोस है।

मेहनत एक नारा होता था,
अब मेहनत ही एक दोष है,
निठल्ले मिले हर गली गली,
मुझको इस पर अफसोस है।

मुफ्तखोर जगत में बढ़ गये,
बढ़ता ही जाये यही दोष है,
सुर बदल जाते हैं पलभर में,
इसका तो मुझे अफसोस है।

अत्याचार बढ़े महिला पर,
समाज आज भी खामोश है,
सदियां बीती कष्ट सहती है,
इसका मुझको अफसोस है।

पुस्तकों से रूठ रहे लोग,
बढ़ता ही जा रहा ये रोग,
खत्म पहले वाला जोश है,
इसका मुझे अफसोस है।

बुजुर्ग सहते जा रहे पीड़ा,
कौन उठाये जन का बीड़ा,
हर जन में मिलता रोष है,
इस बात का अफसोस है।

पाप कर्म बढ़ रहे रोजाना,
परहित से मुख ही छुपाना,
पाप का भरा जग कोश है,
इसका मुझको अफसोस है।

लोगों के विचार बदल रहे,
यह किसी का नहीं दोष है,
समाज भी बदल रहा अब,
इसका मुझको अफसोस है।।

परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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