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अबहू से

संजय सिंह
मुरलीछापरा बलिया (उत्तर प्रदेश)
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संजय नाहके बितवल जनमवा,
अबहू से हो अबहू से!
कुछ करना जतनवा अबहू से
हो अबहू से! स्वारथ लागि
करम सब कइल,
दिन दुःखिअन के
काम ना अइल,
धरम करम नाहि भइल
एह तनवा अबहू से
हो अबहू से!
कुछ करना
जतनवा अबहू से
हो अबहू से!
लख चौरासी
जीव जगत मे,
सबसे सुन्दर
मानुष जग मे,
परमारथ मे लगाई
ल तू मनवा अबहू से
हो अबहू से,
कुछ करना जतनवा
अबहू से हो अबहू से!
नाश्वर जड़ चेतन बा इहवा,
मुक्ति के साधन मानुष तनवा,
स्वारथ तजी कर
हरि के भजनवा
अबहू से
हो अबहू से
कुछ करना भजनवा
अबहू से हो अबहू से
संजय नाहके बितवल
जनमवा अबहू से हो अबहू से,
कुछ करना जतनवा
अबहू से
हो अबहू से!

परिचय :- संजय सिंह
पिता : स्व. लाल साहब सिंह
निवासी : ग्राम माधो सिंह नगर मुरलीछपरा जिला बलिया उत्तर प्रदेश
सम्प्रति : प्रधानाध्यापक कम्पोजिट विद्यालय रामनगर
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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