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ख्याल रखना

मालती खलतकर
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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किस्मत कहिए अपनी कि
रास्ता साथनिभा रहा है
होते हुए हम सफर भी
फिर भी अकेला जा रहा हूं

प्यार की सौगात बड़े
मुश्किल से मिलती है
जिंदगी प्रेम बिना
मुश्किल से कटती हैं
यारों की याद आते ही
कहर बरपाती है तन्हाई
बहारे आते-आते तनहाई में
तब्दील हो जाती है

जिंदगी के चंद्
लम्हों को याद रखना
ख्वाबों के दरख्तो पर
ना जाना है दोस्त
जमी पर खाके सुपुर्द
का ख्याल रखना
ख्याल रखना कि
हम सब इंसान हैं
खुदा के बंदों का
ख्याल रखना

परिचय :- इंदौर निवासी मालती खलतकर आयु ६८ वर्ष है आपने हिंदी समाजशास्श्र में एम ए एल एलबी किया है आप हिंदी में कविता कहानी लेख गजल आदि लिखती हैं व आपकी रचनाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं मैं प्रकाशित होते हैं आप सन १९६८ से इंदौर के लेखक संघ रचना संघ से जुड़ीआप शासकीय सेवा से निमृत हैं पीछेले ३० वर्षों से धार के कवियों के साथ शिरकत करती रही आकाशवाणी इंदौर से भी रचनाएं प्रसारित होती रहती हैं व वर्तमान में इंदौर लेखिका संघ से जुड़ी हैं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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