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उपेक्षित उर्मिला

बृजेश कुमार सिंह
करण्डा, गाजीपुर (उत्तर प्रदेश)
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साहित्य भरा पड़ा हुआ है
बहुतों के व्यर्थ सम्मान से,
आओ लेखनी को धन्य करें
उपेक्षित उर्मिला के गान से..!!

राम संग वन गमन हेतु
तैयार हुए थे जब लक्ष्मण..
उर्मिला ने भी संग चलने का
प्रस्ताव रखा था तत्क्षण..
माताओं-परिजनों को प्राणप्रिये
तुम्हारी है बहुत जरूरत..
लक्ष्मण ने वन न जाने के लिए
उर्मिला को कर लिया सहमत..
सुमित्रानंदन ने उर्मिला से
यह ले लिया वचन..
भूलकर भी आंसू नहीं
लाएंगे ये तेरे नयन..
अपने ही दुख में गर
तुम डूबी रहोगी..
माताओं-परिजनों का ख्याल
तब कैसे रखोगी.?

बंध गया अगाध यौवन
अशिथिलनीय प्रतिमान से..
आओ लेखनी को धन्य करें
उपेक्षित उर्मिला के गान से..!!

कितना शूलकारी रहा होगा नव
विवाहिता के लिए वह छन,
जब प्राणाधार जा रहे हो
चौदह वर्षों के लिए वन..
वह महाविदाई का
कठिन समय कैसा?
जब नैना रोने को तरसे,
मन भीतर भीतर ही बरसे..
ऐ दुनिया वालों इससे पहले
देखा है आत्महनन ऐसा..
जब नवयौवन भी भार लगे,
जीवन कितना निस्सार लगे..

यौवन मुग्धा के विरह दशा की
तुलना करें किस-किस उपमान से..
आओ लेखनी को धन्य करें
उपेक्षित उर्मिला के गान से..!!

यौवन सरिता पति के संग
बहती तो कितना अच्छा था?
उर्मिला के नसीब में ऐसा
कहां विधना ने वदा था?
माताओं की सेवा में
दिन तो बीत जाता होगा..
रात में तन तो सोता
पर मन रोता होगा..
जीवन के चंचल पड़ाव पर
जब यौवन उन्मादित होता होगा..
सोचो ऐसी विकट घड़ी में
उर्मिला ने अपने को कैसे रोका होगा ?

किसी ने नवयौवन को उत्सर्ग
किया है ऐसे अनुष्ठान से..
आओ लेखनी को धन्य करें
उपेक्षित उर्मिला के गान से..!!

मेघनाथ का वध करके
लक्ष्मण हो गए अमर..
इस कृत्य का श्रेय किसको है?
तुम जानते अगर..
अपने पति का शव लेने जब
पहुंची सुलोचना रामा दल..
निस्तब्ध सभा थी, कांपी धरती
फिर हिल उठा अम्बर..
सुनकर सुलोचना विलाप
द्रवित हो गए सभी उस क्षण ..
पति शीश देख सुलोचना
सुमित्रानंदन से कहने लगी इधर..
मेघनाद का वध मैंने किया,
इसका गर्व मत करना भूलकर..
इंद्रजीत को धराशाही करने की
शक्ति कहां थी इस धरा पर?
यह तो दो पतिव्रता नारियों
के बीच था समर..
जिसमें उर्मिला का अखंड
पातिव्रत हुआ सफल..

मन को रंग लो इस अवर्णित,
अचर्चित, अघोषित आख्यान से..
आओ लेखनी को धन्य करें
उपेक्षित उर्मिला के गान से..!!

परिचय :-  बृजेश कुमार सिंह
निवासी : करण्डा, गाजीपुर (उत्तर प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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