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ये शब्द आईने है

प्रीति जैन
इंदौर (मध्यप्रदेश)

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शब्द मन के अमिट
भावों का दर्पण
शब्द ही करते बयां,
भावनाओं का स्पंदन
शब्दों से मिले नफरत,
शब्दों से मिले सम्मान
ये शब्द आईने है,
किरदार करते हैं बयान

शब्दों का कारवां अंतहीन,
शब्द रंगभरे और रंगहीन
फूलों सी खुशबू दे या
कांटों भरे ज़ख्म दे संगीन
करते हैं दिल भी छलनी या
देते खुशियों भरा जहान
ये शब्द आईने है,
किरदार करते हैं बयान

कुछ शब्द आंसू बनकर
दिल में उतरते हैं
कुछ शब्द कानों में
घोले सरगम,
कुछ नश्तर से चुभते हैं
शब्दों की अदावरी से,
दिल में बसे या
दिल से उतरे इंसान
ये शब्द आईने हैं,
किरदार करते हैं बयान

अपने हर शब्द का
खुद तुम आईना बनो
दिल न हो छलनी किसी का,
ऐसे शब्दों को चुनो
शब्द ही जीवन रेखा
संबंधों की,
बोलो तुम मीठी जुबान
ये शब्द आईने है,
किरदार करते हैं बयान

मुझे गर्त में ले जाने वाले,
सर आंखों पर बिठाने वाले
नजरों से औरों की गिराने वाले,
औरों की नजरों में उठाने वाले
मोतियों सा पिरौ लो
शब्दों को, न पड़ने दो गठान
ये शब्द आईने हैं,
किरदार करते हैं बयान

शब्दों ने ही रिश्ते जोड़ें,
और खूबसूरत रिश्ते तोड़े
सादगी से सजा शब्दों को,
ऐ इंसान शब्द क्युं तोड़े मरोड़े
शब्द तलवार से काट देते हैं
सब कुछ, खाली रहेगी म्यान
ये शब्द आईने हैं,
किरदार करते हैं बयान

बड़ा नाज़ुक सा,
मृदु सा है शब्दों का ये खेल
ताकतवर न कोई इन से जैसा,
शब्द कराते मेल
संबंधों को जोड़ती और तोड़ती
अनूठी शब्दों की दास्तान
ये शब्द आईने हैं,
किरदार करते हैं बयान

परिचय :- प्रीति धीरज जैन
निवासी : इंदौर (मध्यप्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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