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पाँव आगे धरने से पहले

प्रो. आर.एन. सिंह ‘साहिल’
जौनपुर (उत्तर प्रदेश)
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पाँव आगे धरने से पहले संभलना चाहिए

पाँव आगे धरने से पहले संभलना चाहिए
बोलने से पहले वाणी को परखना चाहिए

है कर्म ही आधार जब सारे सृजन का विश्व में
भाग्यवादी व्यूह से बाहर निकलना चाहिए

चलके मंज़िल ख़ुद तुम्हारे पाँव तक आ जाएगी
लक्ष्य की ख़ातिर मगर अरमा मचलना चाहिए

शासकों में गर समाहित सोच हो धृतराष्ट्र की
स्वर बग़ावत का ज़माने में उबलना चाहिए

सिर उठा पाए न दुश्मन सीख लो इतिहास से
साँप के सपोले का भी फन कुचलना चाहिए

ज़िंदगी संघर्ष है इस सत्य को स्वीकार कर
मुश्किलों से जूझ कंचन सा निखरना चाहिए

आपसी सहयोग सामंजस्य को साहिल बना
दौर दुष्कर हो तो मिल करके उबरना चाहिए

परिचय :- प्रोफ़ेसर आर.एन. सिंह ‘साहिल’
निवासी : जौनपुर उत्तर प्रदेश
सम्प्रति : मनोविज्ञान विभाग काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
रुचि : पुस्तक लेखन, सम्पादन, कविता, ग़ज़ल, १०० शोध पत्र प्रकाशित, मनोविज्ञान पर १२ पुस्तकें प्रकाशित, ११ काव्य संग्रह सम्पादित, अध्यक्ष साहित्यिक संस्था जौनपुर उत्तर प्रदेश
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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