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मीठी वाणी

ओमप्रकाश श्रीवास्तव ‘ओम’
तिलसहरी (कानपुर नगर)
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मीठी वाणी मीत मिलते,
तीखी वाणी शत्रु पनपते।

मीठी मीठी वाणी बोलिए
जगत में मधुरता घोलिए।

मीठी वाणी देव की जानी
तीखी वाणी दैत्य निशानी।

मीठी वाणी दिल मिलाए
तीखी वाणी कहर बरपाए।

मीठी वाणी औषधि बनती
तीखी वाणी जहर उगलती।

मीठी वाणी सबको भाती,
जगत में सम्मान दिलाती।

मीठी वाणी उपजे सुविचार,
तीखी वाणी कुत्सित विचार।

प्यारे तुम भी मीठा ही बोलो,
पहले तोलो फिर मुख खोलो।

परिचय :- ओमप्रकाश श्रीवास्तव ‘ओम’
जन्मतिथि : ०६/०२/१९८१
शिक्षा : परास्नातक
पिता : श्री अश्वनी कुमार श्रीवास्तव
माता : श्रीमती वेदवती श्रीवास्तव
निवासी : तिलसहरी कानपुर नगर
संप्रति : शिक्षक
विशेष : अध्यक्ष राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय बदलाव मंच उत्तरीभारत इकाई, रा.उपाध्यक्ष, क्रांतिवीर मंच, रा. उपाध्यक्ष प्रभु पग धूल पटल, रा.मीडिया प्रभारी-शारदे काव्य संगम, प्रभारी हिंददेश उत्तरप्रदेश इकाई
साहित्यिक गतिविधियां : विभिन्न विधाओं की रचनाएं कहानियां, लघुकथाएं, हाइकू, कविताएं, लेख, आदि १०० से अधिक स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित। ५ साझा संकलनों में रचनाएँ प्रकाशित, अनेक पत्र पत्रिकाओं, ई-बुक, काव्य संकलनों व पत्र पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल्स, ब्लॉगस, बेवसाइटस में रचनाओं का प्रकाशन जारी। अब तक ३०० से अधिक रचनाओं का प्रकाशन, सतत जारी।
सम्मान : विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं द्वारा ३०० से अधिक सम्मान पत्र।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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