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अन्वेषण

मालती खलतकर
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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हर वृक्ष चुपचाप है
सुना है शहर का
कोना कोना
सहमी-सहमी सड़क
सुनसान हर पाखी है
सहमा-सहमा
किरण में सूरज की
होते हैं नितघात यहां
स्वार्थ यहां चढ़ बोलता है
फुनगीपर बैठे पक्षी सा।
मटिया ले पानी सा
जीवन रुकता कराहता
निढाल हो आगे बढ़ता
आगे करने अनवेषण
सतपथ का
सत चरित्र सतपथ का
सज्जनता का
पर, पर नहीं कर पाता
फलो के अंदर की
सडान्ध का
अन्वेषण नहीं कर पाता
नहीं कर पाता
ऊंची आवाज
क्योकि फुनंगी पर बैठे
पक्षी की आवाज
उसे कहीं अधिक
ऊंची है
बहुत ऊंची….

परिचय :- इंदौर निवासी मालती खलतकर आयु ६८ वर्ष है आपने हिंदी समाजशास्श्र में एम ए एल एलबी किया है आप हिंदी में कविता कहानी लेख गजल आदि लिखती हैं व आपकी रचनाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं मैं प्रकाशित होते हैं आप सन १९६८ से इंदौर के लेखक संघ रचना संघ से जुड़ीआप शासकीय सेवा से निमृत हैं पीछेले ३० वर्षों से धार के कवियों के साथ शिरकत करती रही आकाशवाणी इंदौर से भी रचनाएं प्रसारित होती रहती हैं व वर्तमान में इंदौर लेखिका संघ से जुड़ी हैं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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