होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा
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ईद मुबारक कह रहे, कोरोना के काल,
महामारी फैला रही, जन पर मक्कडज़ाल,
गले मिलना तो दूर है, दूर दूर करे बात,
ज्यादा गले मिले तो, आ सकती वो रात।
ईद मुबारक मत कहो, महामारी भगाओ,
हँसी खुशी हो चेहरे पर, खुशहाली लाओ,
हाथ धोकर पीछे पड़ा, पहले जान बचाओ,
ईद मुबारक फिर कहो, हँसों और हँसाओ।
एक साल बीत गया, भेंट चढ़ गये त्योहार,
हुक्का, पानी छूट गया, पर ना मानी है हार,
कमजोर पड़ रहा अब, महामारी का रूप,
अंधेरा जल्द मिट जाए, आएगी फिर धूप।
कैसी ईद मुबारक है, कैसा अजब संसार,
धीरे-धीरे लुप्त हुआ, भाई-भाई का प्यार,
हँसना भी अब मुमकिन है, कैसा यह वक्त,
त्योहार मनाने पर भी, प्रशासन हुआ सख्त।
पहले जिंदा रहना है, फिर मनेगी वो ईद,
जल्द से महामारी भागेगी, ऐसी है उम्मीद,
हँसी खुशी से मिलकर गाएं, वक्त आएगा,
ऐसी मार मारेंगे, कोरोना की निकले लीद।
ईद मुबारक दे रहे, मुसलिम मिल के लोग,
सजे हुये फल, फूल हैं, लगा रहे है भोग,
हिंदु भी शामिल हो रहे, एकता का संचार,
हिंदु मुसलिम बढ़ रहा, आपस में ही प्यार।
ईद मुबारक दे रहे, संग में दे रहे पैगाम,
वैक्सीन दे रहे सबको, होगा भारत नाम,
जल्दी से सब ठीक हो, विनति प्रभु आज,
सब देशों का गुरु रहा, करता सुंदर काम।
मास्क लगाकर दे रहे, ईद मुबारक लोग,
दो गज दूरी नहीं रही , बढ़ जाएगा रोग,
घर से बार न निकल, मोबाइल पर संदेश,
छुपकर घर में कहना, ईद मुबारक है शेष।
लॉकडाउन का वक्त है, खुशियां मना घर,
बाहर जाने में लगता है, अति बड़ा ही डर,
दुआ मांगते मिलकर, नारी हो या हो नर,
विश्वास करो उस दाता पर, विपत्ति ले हर।
ईद मुबारक देकर, बस उनको कर लो याद,
चले गये जग छोड़कर, खुश रहे ये फरियाद,
जिंदा रहे अगर हम, मिलते रहेंगे हर बार,
ईद मुबारक को रहने दो, इस वर्ष तो उधार।
कितने आये पर्व चले गये, बिन मनाए आज,
ऐसा बुरा वक्त आया है, धरे रह गये है साज,
फिर से आएंगे बीते दिन, मानते हैं सारे लोग,
सोच विचार की बात पर, भारत को है नाज।।
परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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