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एक शब्द में

अमिता मराठे
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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मां
मां एक शब्द में,
सम्पूर्ण सृष्टि समाई है।
प्रकृति के रहस्यों में,
स्थित प्रश्नों का उत्तर है
मां!
मातृत्व प्राप्त करते,
देवत्व को प्राप्त करती है।
सृजन की शक्ति में,
ईश्वरीय देन होती है।
मां!
मां के अनेक रुपों में,
ममता भरा ओज दमकता है।
स्नेह के आंचल में,
स्वाभिमान समाया है।
संघर्ष को कठोर तप से,
प्रदीप्त हो निवारण करती है।
मां!
मां कामिनी, प्रेयसी में,
तो पत्नी, दुहिता, धारिणी हैं।
प्रवृत्ति की रीढ़, खेतों में वीर,
वीर प्रसूता भी मां हैं।
संस्कृति की वाहक,
परम्पराओं की संरक्षक ‘मां’ है।
धन्य हो माँ !
जिससे मिला जीवन हमको।
सार्थक कर दिखाना है।

परिचय :- अमिता मराठे
निवासी : इन्दौर, मध्यप्रदेश
शिक्षण : प्रशिक्षण
एम.ए. एल. एल. बी.,
पी जी डिप्लोमा इन वेल्यू एजुकेशन, अनेक प्रशिक्षण जो दिव्यांग क्षेत्र के लिए आवश्यक है।
वर्तमान में मूक बधिर संगठन द्वारा संचालित आई.डी. बी.ए. की मानद सचिव।
४५ वर्ष पहले मूक बधिर महिलाओं व अन्य महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए आकांक्षा व्यवसाय केंद्र की स्थापना की। आपका एकमात्र यही ध्येय था कि महिलाओं को सशक्त बनाया जा सके। अब तक आपके इंस्टिट्यूट से हजारों महिलाएं सशक्त हो चुकी हैं और खुद का व्यवसाय कर रही हैं।
शपथ : मैं आगे भी आना महिला शक्ति के लिए कार्य करती रहूंगी।
प्रकाशन :
१ जीवन मूल्यों के प्रेरक प्रसंग
२ नई दिशा
३ मनोगत लघुकथा संग्रह अन्य पत्र पत्रिकाओं एवं पुस्तकों में कहानी, लघुकथा, संस्मरण, निबंध, आलेख कविताएं प्रकाशित राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था जलधारा में सक्रिय।
सम्मान :
* मानव कल्याण सम्मान, नई दिल्ली
* मालव शिक्षा समिति की ओर से सम्मानित
* श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान
* मध्यप्रदेश बधिर महिला संघ की ओर से सम्मानित
* लेखन के क्षेत्र में अनेक सम्मान पत्र
* साहित्यकारों की श्रेणी में सम्मानित आदि


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