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पेड़ लगाये… भविष्य संवारे

धर्मेन्द्र कुमार श्रवण साहू
बालोद (छत्तीसगढ़)
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इंसान को कितना कौन समझाये
समझकर भी अनजान बनता है ।
यदि प्रकृति को समझ जाये
तो वह इंसान भगवान बनता है ।।

बुद्धिमान होकर भी आदमी
नासमझ और बेईमान बनता है ।
सभी प्राणियों में ही सिरमौर है वह
मानव का आज पहचान बनता है ।।
यदि प्रकृति को समझ …….. …..

कहते है वृक्ष आस है वृक्ष सांस है
वृक्ष से कई औषधि बनता है ।
पेड़ लगाओ भविष्य संवारो
वृक्ष से ही तो ऑक्सीजन बनता है।।
यदि प्रकृति को समझ ……… …..

आओ मिलकर कर आज ही शपथ ले
पर्यावरण संरक्षण का समझ बनता है।
प्रकृति के तत्वों को आज जान ले
पर्यावरण प्रेमी श्रवण बनता है ।।
यदि प्रकृति को समझ ……… …..

परिचय :- धर्मेन्द्र कुमार श्रवण साहू
निवासी : भानपुरी, वि.खं. – गुरूर, पोस्ट- धनेली, जिला- बालोद छत्तीसगढ़
कार्यक्षेत्र : शिक्षक
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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